जयपुर 15 अप्रैल 2022।(निक यूडीएच) अभी कुछ महीनों से जेडीए की मनमर्जी और अवैध निर्माणो की बाढ़ की चर्चा पूरे शहर में है। जेडीए की इसी लापरवाही और कारगुजारियोँ के बारे में राजस्थान सरकार के मंत्रियों ने भी सवाल खड़े किए हैं।
हाल ही में जेडीए आयुक्त को हटाए जाने के पीछे भी जेडीए प्रकरण को लेकर सरकार की साख पर धब्बा लगने का भी कारण हो सकता है ?
आज हम जिस मुद्दे की बात कर रहे हैं वह हीरा नगर ए 200 फीट बाईपास, वार्ड नंबर 20 नगर निगम के प्लॉट 97 का मामला है।जिसकी शिकायत बारंबार माननीय उच्च न्यायालय के वकील खुर्शीद अहमद खान कर चुके हैं। बावजूद इसके निर्माण बदस्तूर जारी है ।
ऊपर शिकायत पत्र,,
एडवोकेट खुर्शीद अहमद ने अपने शिकायत पत्र में साफ तौर पर लिखा है की आवासीय योजना में व्यवसायिक निर्माण प्रतिबंधित है और कई बार जेडीए आयुक्त, मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी को इसकी शिकायत की गई है पर ऐसा लगता है की जॉन 7 के अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं है। जेडीए अधिकारियों की मिलीभगत की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता ? ( अगर प्लॉट 97 अवैध नहीं तो जेडीए ने शिकायत कर्ता को इसका जवाब क्योँ नहीँ दिया अब तक?) न्यू इंडिया खबर ने पहले भी खबर चलाई थी कि मात्र 500 मीटर की दूरी में हीरा नगर विस्तार और हीरा नगर A में अवैध निर्माण किया जा रहा है। हालांकी हीरापुरा विस्तार के एक 4 मंजिला अवैध निर्माण 12 अप्रैल को सील कर दिया गया है।(इस पर भी रहेगी पैनी नज़र)
अगली किश्त में 12 अप्रैल 2022 को सील किए गये प्लॉट नं 3 गणेश नगर b कोलोनी, हीरापुरा विस्तार 200 फीट बाइपास अजमेर रोड,जब यह 4 मंजिला निर्माण अवैध था तो मुख्य नियंत्रक जेडीए रघुवीर सैनी ने पत्रकारों का इलाज करने की धमकी क्योँ दी?
अब देखना है की प्लॉट नंबर 97 पर कार्यवाही होती है कि नहीं?
कुछ दिनों पहले न्यू इंडिया खबर द्वारा इस मुद्दे को लेकर चलाई गयी खबर का लिंक आप अवश्य खोलें,नीचे
जॉन 7, हीरा नगर विस्तार एवं हीरानगर ए, 200 फुट बाईपास, अजमेर रोड जयपुर, मात्र 500 मीटर में 3 अवैध निर्माण बदस्तूर जारी, आईओ पर लग चुके हैं गंभीर आरोप, मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन अब तक क्यों है मौन,, JDC कार्रवाई करने में असमर्थ क्यों ? अब क्या सारे काम मुख्यमंत्री ही देखेंगे ?