देश में प्राथमिक चिकित्सा की शिक्षा बेहद जरूरी: प्रो. वी एन प्रधान (कुलपति) प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ कोर्स स्वास्थ्य सुरक्षा के संबंध में एक सकारात्मक संदेश : डॉ शबाब आलम,,

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जयपुर 12 अक्टूबर 2021।(निक शिक्षा) प्राथमिक चिकित्सा की शिक्षा और उसके लिए पाठ्यक्रमों की जरूरत पर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्‍नॉलानी, जयपुर द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। यह प्रेस वार्ता मानसरोवर स्थित दीपशिखा, कॉलेज ऑफ टेक्निकल एजुकेशन में किया गया। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. वी एन प्रधान ने विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए गए प्राथमिक चिकित्सा और इससे जुड़े अन्य प्राथमिक उपचार पाठ्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सभी इच्छुक अभ्यर्थी जो चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं उन्हें इस पाठ्यक्रम के माध्यम से बेहतर विकल्प प्राप्त हो सकते हैं। यह पाठ्यक्रम रोजगार एवं स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए एक सुनहरी पहल है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को मंजूरी देने के बाद से सरकार अपना ध्यान प्राथमिक चिकित्सा को मजबूत बनाने में लगा रही है। और प्राथमिक चिकित्सा के पाठ्यक्रमों को शुरू करके हमारा विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री के सपनों को पूरा करने में मदद कर रहा है।

इन सभी पाठ्यक्रमों को संचालित करने के लिए भारतीय प्राथमिक चिकित्सा परिषद् (फर्स्ट ऐड काउंसिल ऑफ़ इंडिया), दिल्ली को चिन्हित किया गया है तथा अनन्‍य ज्ञापन समझौता भी हस्‍ताक्षरित किया गया है। विश्वविद्यालय अध्यापन सहयोगी संस्था भारतीय प्राथमिक चिकित्सा परिषद् के माध्यम से पूरे राजस्‍थान में कई वर्चुअल, परंपरागत केंद्र व सूचना केंद्र स्थापित कर रहा है। प्रेस वार्ता के दौरान फर्स्ट ऐड काउंसिल ऑफ़ इंडिया के प्रेसिडेंट डॉ. शबाब आलम ने बताया कि यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्‍नालाजी, जयपुर द्वारा प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ डिप्लोमा कोर्स एक अनोखा कोर्स है जिसके माध्यम से पूरे देश में स्वास्थ्य सुरक्षा के संबंध में एक सकारात्मक संदेश जनहित स्वरोजगार हेतु दिया गया है तथा इसके लाभ पूरे देश के छात्र-छात्राएं राजस्‍थान राज्य में स्थित अध्ययन अध्यापन केन्द्रों के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। यह कुशल योजना के अंतर्गत स्वरोजगार व रोजगार हेतु विश्वविद्यालय व एफएसीआई के माध्यम से किया जा रहा है। इस मौके पर दीपशिखा के अंशुल, अंशु सुराणा और प्रोफेसर अंकित गांधी मौजूद थे। वहीँ इस अवसर पर एफएसीआई द्वारा फर्स्ट ऐड विषयों की 5 पुस्तकों का विमोचन किया गया जिसे यूनिवर्सिटी में पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा।

    फर्स्‍ट ऐड काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट डॉक्‍टर शबाब आलम ने आगे बताया कि प्राथमिक उपचार कोर्स प्रत्‍येक जनमानस की आवश्‍यकता हैा इस कोर्स को कॉलेज, यूनिवर्सिटीज में किया जाना चाहिए। जिस प्रकार स्‍कूल कॉलेज ने एनसीसी और स्‍काउट का एक विभाग होता है ठीक उसी प्रकार प्राथमिक उपचार का भी विभाग होना चाहिए। एफएसीआई के डायरेक्टर महेंद्र पारिख ने बताया कि कोविड-19 के कारण अध्ययन, अध्यापन व परीक्षा पारंपरागत व ऑनलाइन की जायेंगी तथा इसके माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा संकल्पित आत्मनिर्भर भारत व डिजिटल इंडिया की संकल्पना को प्रोत्साहन देना है। प्रेस वार्ता में भारतीय प्राथमिक चिकित्सा परिषद् की अधिवकता शिवानी कालरा भी मौजूद रहे, उन्होंने बताया कि यह कोर्स बहुत ही लाभदायक है।

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