ईपीसीएच ने राजस्थान सरकार को हस्तशिल्प निर्यात के प्रोत्साहन के लिए ज्ञापन सौंपा,,

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जयपुर – 18 जनवरी 2021(विशेष) एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ हैंडीक्राफ्ट्स (ईपीसीएच) ने आगामी क्षेत्रीय और राज्य बजट (वित्तीय वर्ष 2021-22) में विचार के लिए क्षेत्र विशिष्ट विकासात्मक और नीतिगत हस्तक्षेपों की पहचान करने के उद्देश्य से अपनी क्षेत्रीय समितियों के सदस्यों के साथ कार्यशालाओं की एक श्रृंखला शुरू की और चर्चाओं के बाद विभिन्न ज्ञापन तैयार किये ।

आज सचिवालय भवन में लेखराज माहेश्वरी – रीजनल कन्वीनर, ईपीसीएच ने राजस्थान के माननीय उद्योग मंत्री परसादी लाल मीना को बजट पूर्व ज्ञापन सौंपकर हस्तशिल्प के उत्पादन को बढ़ाने के लिए राज्य के लिए हस्तशिल्प विकास और निर्यात नीति बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकें । शीघ्र ही जोधपुर के निर्यातक इसको लेकर मुख्यमंत्री से भी भेंट करेंगे | यह सभी कार्य DG EPCH डॉ. राकेश कुमार व चेयरमैन रवि पासी के सहयोग एवं नेतृत्व में किये गए |

डॉ. कुमार ने बताया, ज्ञापन में उल्लिखित कुछ प्रमुख सुझावों में इंट्रा-राज्य आपूर्ति के लिए ई-वे बिल की पीढ़ी की सीमा में वृद्धि, आभासी मेलों के लिए वित्तीय सहायता के माध्यम से व्यापार सुविधा, कंटेनरों की शिपिंग पर माल ढुलाई सब्सिडी, गुणवत्ता डिजाइनरों को काम पर रखने के लिए निर्यातकों को वेतन सब्सिडी शामिल हैं। विदेशी खरीदारों को नमूने भेजने के लिए माल ढुलाई / कूरियर शुल्क के लिए सब्सिडी, बिजली पर रियायती दरें निर्यात करने के लिए ओरिएंटेड यूनिट्स, अंतरराष्ट्रीय विपणन के लिए विदेशी अवसंरचना विकास, एसएमई इकाइयों के लिए आग एनओसी शुल्क में छूट, कम कंटेनर लोड (एलसीएल) के लिए रियायती शुल्क, परीक्षण प्रयोगशालाओं और कई और अधिक सहित तकनीकी सहायता के क्षेत्रों में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) को प्रोत्साहित करना।

राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में से एक है जो लगभग रु 7650 करोड़ (हस्तशिल्प के कुल देश निर्यात का 30%) में योगदान देता है। और राज्य की हस्तशिल्प उत्पादों में विधिवत रूप से समृद्ध परंपरा और विरासत के लिए जाना जाता है। राज्य से निर्यात किए जाने वाले प्रमुख हस्तशिल्प उत्पादों में वुडन आर्टवेयर, ब्लॉक प्रिंट, टाई एंड डाई प्रिंट, बगरू प्रिंट, सांगानेर प्रिंट और जरी कढ़ाई शामिल हैं। इसके अलावा, हस्तशिल्प वस्तुएं जैसे कालीन, नीली कुम्हार आदि भी दुनिया भर के खरीदारों को आकर्षित करती हैं।

वर्ष 2019-20 के दौरान देश से हस्तशिल्प निर्यात रु। 25,270.14 करोड़ रुपये और अप्रैल-नवंबर 2020-21 के दौरान,रु 13,852 करोड़ (USD 1,851 मिलियन) था यह डॉ राकेश कुमार, महानिदेशक – ईपीसीएच द्वारा सूचित किया गया।