*तनाव मुक्त भारत के लिए उर्जा गुरू अरिहंत ऋषि के नेतृत्व में हुआ महाआयोजन, *15 स्कूलों के 3 हजार स्कूली बच्चों ने स्माइली इमेज बना बनाया विश्व रिकॉर्ड*

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जयपुर 29 नवम्बर 2019।(निक धार्मिक) आज वर्तमान समय में सभी जगह लोग किसी ना किसी कारणों से चिंताग्रस्त रहते हैं और इस कारण से उनके जीवन में खुशियों की कमी होती जा रही है। साथ ही लोग अपने परिवार में किसी मामूली बात को लेकर भी तनावग्रस्त हो जाते हैं। बाद में ऐसे लोग अपनी टेंशन को दूर करने के लिए विभिन्न हास्यम क्लब को जॉइन करके अपनी चिंताओं को दूर करने का प्रयास करते रहते हैं।
इन्हीं बातों को लेकर ऊर्जा वर्ल्ड फाउंडेशन और आचार्य कुशाग्रनन्दी महाराज वर्षायोग समिति 2019 के संयुक्त तत्वावधान में ग़ुलाबी नगरी जयपुर के मुहाना मंडी स्थित पारस विहार में दो दिवसीय महाऊर्जा एवं सम्मान महोत्सव 2019’ व ‘

भारत पर्व 2019’ के पहले दिन शनिवार को ऊर्जा गुरु स्वामी अरिहंत ऋषि महाराज के नेतृत्व में तनाव मुक्त भारत के तहत स्माइली (इमोजी) बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया। समिति अध्यक्ष सुभाष गोदिका ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि इस अवसर पर महायोगी महामनाचार्य कुशाग्रनंदी महाराज ससंघ का मंगल सानिध्य मिला, महोत्सव का शुभारंभ प्रसिद्ध समाज सेवीश्रेष्ठी गणेश राणा, एडीजे पंकज ओझा, पुलिस अफसर संजय शर्मा व प्रसिद्ध ज्वेलर्स रामधन अत्तार ने सामुहिक द्वीप प्रज्जवलन से किया। वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए मुहाना मंडी ग्राउंड पर कुल 3 हजार स्कूली छात्रों ने तनाव मुक्त भारत के तहत स्माइली (इमोजी) बनाई। ज्ञात हो कि ऊर्जा वर्ल्ड फाउंडेशन ने पर्यावरण पर जागरूकता पैदा करने के लिए एक हजार स्टूडेंट्स के साथ आजाद मैदान मुंबई से गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई तक विभिन्न पौधों के रूप में कपड़े पहनने और मुंबई में 990 स्टूडेंट्स के साथ हिंदू पुराण शब्द ओऊम बनाने के लिए गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दो बार स्थान पाया है, जबकि औरंगाबाद महाराष्ट्र में 1700 स्टूडेंट्स के साथ त्रिनेत्र चक्र बनाने के लिए गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड बनाया

  • है।
    जयपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में पवन नगरकोट, नेहरू पाटनी सहित सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं व विभिन्न स्कूलों के प्राचार्य व छात्रों ने हिस्सा लिया। टैगोर विद्या भवन मानसरोवर, वेलफेयर एकेडमी इस्कान रोड, विकास बाल सीनियर सेकंडरी स्कूल, जयपुर विद्यापीठ सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, विजय विद्यापीठ सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चे शामिल रहे।