लिवर व गॉल ब्लैडर पर होने वाले दुष्प्रभाव पर हुए लेक्चर, अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के पहले दिन जुटे देश विदेश के सर्जन्स

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    कोलेस्ट्रोल हार्ट के साथ लीवर को भी नुकसान पहुंचाता है

    जयपुर 16 फरवरी2019।(निक चिकित्सा)कोलेस्ट्रोल हार्ट ही नहीं लीवर को भी नुकसान पहुंचाता है। हम जो भी खाना खाते है उसका सबसे पहला असर लीवर पर ही होता है। इससे बचने के लिए हमें खानपान की आदतों में बदलाव करना होगा। चिकनाई और फेट बढ़ाने वाला फूड खाने से बचना चाहिए।
    यह जानकारी पीजीआई चंडीगढ़ के वरिष्ठ चिकित्सक टीडी यादव ने लीवर पेनक्रियाज व गाल ब्लेडर के सर्जन्स की अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में दी। कान्फ्रेंस गुरुवार से शुरू हुई। उन्होंने बताया कि महिलाओं में गाल ब्लेडर की पथरी के मामले सामने आते हैं। इसका कारण महिलाओं के हारमोन्स में बदलाव होना है।साथ ही गाल ब्लेडर में पथरी के सबसे ज्यादा मामले उत्तर भारत में सामने आते हैं दक्षिण और पूर्वी भारत में यह सबसे कम है।

    कान्फ्रेंस के आयोजक इंडियन चेप्टर आफ इंटरनेशनल हेपेटो पेनक्रियाटो बिलारी एसोसिएशन (आईएचीपीबीए)की ओऱ से की जा रही है। कान्फ्रेंस के आर्गेनाइिजंग चेयरमैन डा. राजेश भोजवानी ने बताया कि कान्फ्रेंस के पहले दिन लीवर, पेनक्रियाज और गाल ब्लेडर के आपरेशन के वीडियो दिखाए गए। यह आपरेशन देश के जाने माने सर्जन्स ने किए थे। उन्होेंने मौके पर मौजूद चिकित्सकों के सवालों के जवाब दिए। इडिया में केडेवर लीवर डोनेट करने के लिए सबसे लोगों में अवेयरनेस लाने वाले (आईएचीपीबीए) के अध्यक्ष डा. जीवी राव ने बताया कि लीवर, पेनक्रियाज के आपरेशन में अब रोबोटिक सर्जरी का प्रयोग होने लगा है। इसका सबसे बड़ा कारण मरीज में इन्फेक्शन को रोकना और सर्जरी में परफेक्शन लाना है। दिल्ली के गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन और आर्गन ट्रांसप्लांट के नियम बनाने वाली केन्द्र सरकार की कमेटी के सदस्य डा. समीरन नंदी ने बताया कि लीवर ट्रांसप्लांट अभी भी आम आदमी की पहुंच से दूर है। इसका कारण इसमें होने वाला खर्चा लाखों में होता है। अभी भी 15 से 20 लाख रुपए लीवर ट्रांसप्लांट पर खर्च होते हैं। सरकार भी इसमें मदद कर रही है। सभी एचपीबी सर्जन्स इसकी लागत कम करने पर काम कर रहे हैं जिससे यह आम आदमी तक पहुंचे। उन्होंने बताया लोगों में आर्गन डोनेट को लेकर अवेयरनेस तो आ रही है पर इसकी रफ्तार बहुत धीमी है। इसके लिए सामाजिक संगठनों को ही आगे आना होगा। उन्होंने बताया कि अभी भी 2 लाख लोग आर्गन डोनेट नहीं करने के कारण मौत के मुंह में चले जाते हैं। कान्फ्रेंस 17 फरवरी तक चलेगी।