जयपुर 10 नवंबर 2023।(निक राजनीति) राजस्थान में चुनावी चौसर बिछ चुकी है। इसी बीच सत्ता के लिए संग्राम शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भले अपनी योजनाओं में रोजगार से लेकर बुनियादी सुविधाओं की गारंटी देकर फिर से सत्ता हासिल करने के लिए जनता के बीच जा रहे हैं, लेकिन पेपर लीक, बेरोजगारी, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार को लेकर युवा, महिलाओ की नाराजगी चुनाव में गहलोत सरकार पर भारी पड़ती नजर आ रही है।
गहलोत प्रदेश के सबसे ज्यादा संख्या वाले युवा वोटर को साधे बिना जीत पाएंगे यह कहना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि युवाओं में सरकार के प्रति आक्रोश है युवाओं के चेहरों पर झलकता बेरोजगारी का दर्द साफ दिखाई दे रहा है। युवा सबसे बड़ा मुद्दा पेपर लीक को मान रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें अपना फ्यूचर तबाह होता दिखाई दे रहा है। युवाओं ने कहा कि पांच साल से राजस्थान में सिर्फ पेपर लीक हो रहे हैं। युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। इन सबके पीछे गहलोत सरकार जिम्मेदार है। आज युवा सड़कों पर है उसका मुख्य कारण गहलोत सरकार है। भर्तियों के नाम पर सिर्फ एग्जाम फाइट होते है लेकिन नौकरी नहीं मिलती, बेरोजगारी चुनावों में बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है, प्रदेह के लोग रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों की और रुख करना पड़ता है। इसको लेकर भी लोगों में एक टीस है बेरोजगारी की समस्या यहां तेजी से फैल रहीं है। लेकिन सरकार का ध्यान इस तरफ बिलकुल नहीं है। लोगों का कहना है कि यहां पर्यटन के अलावा अन्य व्यवसाय के लिए ज्यादा कुछ नहीं है, यहां अगर इंडस्ट्री और कारखाने लगे और युवाओं के लिए नौकरी के अवसर उपलब्ध हो तो कमाने के लिए अन्य राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा।
वहीं महिला सुरक्षा के मुद्दा भी तूल पकड़ गया है। कॉलेज और कामकाज वाली लड़कियों और महिलाओं में हमेशा कोई अपराधिक घटना होने का भय बना रहता है। रास्ता चलते उनके साथ छेड़छाड़ और उत्पीरान की घटनाएं आम हो गई है। लेकिन सरकार के नाकाफी इंतजाम से आक्रोशित लड़कियां और उनके अभिभावक इसके लिए सरकार को जिम्मेदार मानते है। कांग्रेस की गहलोत सरकार के लिए यह मुद्दे सरकार में वापसी के सभी दरवाजे बंद कर चुकी है।