जयपुर 9 मार्च 2023। (निक विशेष) अपनी ईमानदारी व सादगी के लिए भारतीय पुलिस मे एक विशिष्टतम ही नही अपितु उच्यतम स्थान रखने वाले भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी श्री अमर सिंह शेखावत राजस्थान पुलिस मे DGP का पद सृजीत होने के पहले अंतिम IGP (पुलिस प्रमुख) रहे थे।
अमर सिंह कोछोर दिनांक 31-07-1979 से 09-02-1981 तक राजस्थान पुलिस के प्रमुख रहे, इससे पूर्व वे दिनांक 19-04-1974 से 25-10-1977 तक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजस्थान के भी प्रमुख रहे । श्री अमर सिंह कोछोर की ईमानदारी, कर्तव्य परायणता व सादगी के किस्से आज भी समस्त पुलिस महकमे मे बड़े शान से सुनाये जाते है ।
उनका जन्म सीकर जिले के दांतारामगढ़ तहसील स्थित खंडेला नामक गांव मे हुआ था। कोछोर शेखावतो का एक बड़ा ठिकाना था । जिसका इतिहास मे अपना अलग से स्थान है । उसी परिवार के इस लाल ने सम्पूर्ण शेखावाटी प्रदेश का व अपने कुल का नाम अपनी ईमानदारी के बल पर सम्पूर्ण देश मे उज्जवल किया व ऐसी मिसाल कायम की जो हर पुलिस अधिकारी के लिए प्रेरणास्पद है।
अमर सिंह कोछोर सेवानिवर्ति के बाद अपने पुश्तेनी गांव मे ही निवास करते रहे । वे स्वयं गायो का गोबर उठाते थे व स्वयं ट्रेक्टर चला कर अपने हाथो से खेती करते थे । न गाडी़ न बंगला, ऐसा व्यक्तित्व था उनका कि जिसे शब्दो मे बयान नही कर सकते ।
उम्र के अंतिम पड़ाव पर वे अक्सर लोगो को सीकर आते जाते हुए बस मे मिल जाते थे, तो कई बार हथियार रिन्यू कराने की कतार मे खड़े मिल जाते । कोछोर अक्सर सीकर की पुलिस लाइन के स्टोर मे बनियान,गर्म मोजे आदि खरीदने आते थे व सिपाहियो के साथ बैठ कर चाय पीते थे। पद का अभिमान उन्हे कभी छूकर भी नही निकला । एक अनुपम आदर्श थे वे और युवा पीढ़ी के लिए एक मिशाल थे वे।
सच तो यह है कि अब उन जैसे अधिकारी बस एक इतिहास ही है।
आज की तारीख में ऐसे पुलिस अधिकारी कम ही देखने को सुनने को मिलते हैं।कहा जाता है कि भारत के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के पुलिस प्रमुखो की एक मीटिंग में पूछा था कि क्या कोई अफसर कह सकता है कि वो एकदम ईमानदार है । तब igp अमर सिंह कोछोर एक मात्र अफसर थे, जो खड़े हो गए । तब इंदिरा गांधी ने कहा कि अगर मैं सही हु तो आप *अमर सिंह कोछोर* ही है….?
इसी के साथ एक और बात भी उनके बारे मे चर्चित है कि वे एक बार राजकिय दौरे पर बाहर गये हुए थे । पीछे से उनकी सरकारी गाड़ी को उनकी ठकुरानी सा ने दो-तीन बार यूज ले ली. वापसी पर अमर सिंह ने गाड़ी के किलोमीटर को चेक कर महरोली के ड्राइवर मोहन सिंह शेखावत से पूछा कि मेरे पीछे से कार किसने काम मे ली थी ? तो ड्राइवर ने डरते हुए मेमसाहब का नाम ले लिया । कोछोर साहब ने इस पर अपनी पत्नी को बहुत डांटा व तुरंत ओफिस जाकर AAO को बुला कर GA-55 कटवा कर जेब से राजकोष मे पैसे जमा करवायें । पुलिस अफसर अमर सिंह जी कोछोर के सादगी और ईमानदारी के ऐसे सैंकड़ो किस्से है।
नमन है राजस्थान पुलिस के इस महान गौरव को ।
पांचवी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि।,,🙏🙏
महावीर सिंह राठौड़ (पुलिस निरीक्षक)रिजर्व पुलिस लाइन, जयपुर ने अंतर्मन से अमर सिंह शेखावत को दी भावभीनी श्रद्धांजलि।