चिकित्सा मंत्री जी जरा मामले को गंभीरता से लेने के आदेश जारी करें
जयपुर 29 दिसंबर 2022। (निक क्राइम) मनोचिकित्सालय विभाग में कार्यरत दो महिला नर्सिंग कर्मियों ने जुलाई माह में ट्रांसपोर्ट नगर थाने में सुनील हरदेनिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। आरोप था कि सुनील हरदेनिया वार्ड में उन्हें घूरता है अश्लील हरकत करने की कोशिश करता है छेड़छाड़ करने का प्रयास भी करता रहता है और जब एक महिला नर्सिंग ऑफिसर ने इसका विरोध किया तो रास्ते में उसकी गाड़ी के आगे अपनी गाड़ी लगा कर उसके साथ अश्लील हरकत करने की भी कोशिश की। पीड़िता ने न्यू इंडिया खबर को बताया कि वह पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर मानसिक रूप से परेशान है। 6 महीने होने को आए पहले ट्रांसपोर्ट नगर थाना ने कोई उचित कार्रवाई नहीं की और उन्होंने अब जांच को गोपालपुरा स्थिति डीसीपी ईस्ट कार्यालय में कार्यरत पुलिस अधिकारी नारायण लाल शर्मा को जांच सौंप दी है । लेकिन 3 महीने को होने को आए नारायण लाल शर्मा द्वारा भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कि अब तक।
पीड़िता ने बताया कि अब 12 दिसंबर को अजमेर में सुनील ने ड्यूटी ज्वाइन कर ली है। इस बात से पूरी महिला नर्सिंग कर्मी खफा हैं। ऐसा लगता है कि पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग दोनों ही सुनील हरदेनिया जैसे लोगों की कठपुतली बनकर रह गए है ?
आरोपी सुनील हरदेनिया
पीड़िता की अजमेर में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से बात हुई तो उन्होंने कहा कि जयपुर से हमें आदेश आया है कि इसे ड्यूटी ज्वाइन करवाये। जबकि पुलिस को इसकी सूचना होनी चाहिए थी अब सवाल उठता है कि पुलिस को इसकी सूचना है या नहीं ?
सुनील हरदेनिया इससे पहले भी ऐसी हरकतों के कारण s.m.s. में शर्मिंदा हो चुका है पूरे स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल को सुनील की इन हरकतों की जानकारी है। बावजूद इसके महिला के सपोर्ट में कोई आगे नहीं आ रहा है।
बड़े शर्म की बात है कि चिकित्सा नर्सिंग जैसे पवित्र रिश्ते में कुछ ऐसे लोग बदमाश दाग लगा रहे हैं जिसकी वजह से सब को शर्मिंदा होना पड़ रहा है राजधानी में अगर ऐसे अश्लील हरकत करने वाले लोग खुले में घूमते रहेंगे तो यह पुलिस प्रणाली और प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा करता है।
पिडिता ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों और चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा से अपील की है कि जल्द से जल्द सुनील हरदेनिया की गिरफ्तारी हो और समाज में एक अच्छा संदेश जाए। आपको बता दें अभी कुछ दिन पूर्व हुई एसएमएस अस्पताल के आईसीयू एडवांस फर्स्ट में भी महिला नर्सिंग कर्मी के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया था प्रशासन ने मामले को दबाते हुए दोनों को आईसीयू एडवांस फर्स्ट से हटा दिया अगर इस तरह से राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल इन मामलों पर गंभीरता से कार्रवाई करने के बजाय मामले को दबाने का प्रयास करेगा तो फिर चिकित्सा और नर्सिंग जैसे पैशे को पवित्रता से कैसे बचाया जा सकता है।दिनांक 28 दिसंबर 2022 को पीड़ित महिला ने न्यू इंडिया खबर के एडिटर सन्नी आत्रेय से इस मामले में बातचीत की। उसका वीडियो संलग्न है
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