जयपुर 24 नवंबर 2022।(निक विशेष) मोबाइल ऑपरेटर्स की तरफ से समय-समय पर शहर के विभिन्न इलाकों में मोबाइल टॉवर लगाने का कार्य बदस्तूर जारी है। इन टॉवरों से निकलने वाली हानिकारक तरंगों (रेडिएशन) से कई जानलेवा बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं। इसके चलते कोई भी व्यक्ति गंभीर बीमारियों को चपेट में आकर अपनी जान गवां बैठते हैं। इसके बावजूद संबंधित विभाग और सरकार की तरफ से अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही और ना ही कोई सख्त नियम बनाए जा रहे, जिससे कि इस समस्या से आमजन को पूरी तरह राहत मिल सके। हाल ही में यह समस्या वार्ड नम्बर 47 के मुख्य सोडाला के निवासियों को पिछले एक माह से झेलना पड़ रहा है। जहां मुख्य सोडाला में पुराने तेजाजी के मंदिर के पास प्लॉट नम्बर 37 के मकान मालिक द्वारा अपनी मकान की छत पर मोबाइल कंपनी की टॉवर लगवा रहा है। गौरतलब है कि इस मोबाइल टॉवर के लगने से स्थानीय लोगों को आए दिन विभिन्न बीमारियों का सामना करना पड सकता है। वहीं कॉलोनी में रहने वाले लोगों को हर समय ये भी अंदेशा बना रहता है कि इस टॉवर से निकलने वाली जानलेवा तरंगों की वजह से वे किसी गंभीर बीमारी की चपेट में भी आ सकते हैं।
इस समस्या को लेकर मुख्य सोडाला विकास समिति के पदाधिकारियों ने कई बार स्थानीय जन प्रतिनिधि, स्थानीय थाना और जिला कलेक्टर को लिखित शिकायतें दी हैं। लेकिन इसके बावजूद मोबाइल टॉवर लगाने वाले कम्पनी वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर जल्द से जल्द उन्हें इस समस्या से निजात नहीं दिलाया गया तो स्थानीय निवासी एक बड़े आंदोलन करने के लिए सड़कों पर भी उतरेंगे।
*स्थानीय महिलाओं कर रहीं है लगातार विरोध–*
मुख्य सोडाला इलाके की रहने वाली महिलाएं मोबाइल टॉवर लगाने का विरोध कर रही हैं। महिलाओं का कहना है कि अगर जल्द ही यहां से मोबाइल टॉवर को नहीं हटाया गया तो भारी विरेध प्रदर्शन करेंगी।इनसे इस मामले में बातचीत हो चुकी है
जिस मकान की छत पर टावर लगवाया जा रहा है तो उन्होंने परमिशन ली हुई है। ये मामला कॉलोनी के लोगों का आपसी है, जो पार्षद के कार्यक्षेत्र में नहीं आता इसलिए मैं मोबाइल टावर लगाने वाले और विरोध करने वाले इनमें से किसी के भी पक्ष में नहीं हूं।
रेखा राठौड़
भाजपा पार्षद
वार्ड नम्बर 47
नगर निगम जयपुर हैरिटेजमोबाइल टावर लगवाने के संबंध में अगर स्थानीय लोगों का कोई विरोध है तो इसकी लिखित शिकायत देवें, जिस पर कार्यवाही की जाएगी। एनओसी जारी होने के बाद भी अगर इस संबंध हमारे पास कोई लिखित शिकायत आती है तो सौ फीसदी ऐसी शिकायतें कलक्टर लेवल पर गठित कमेटी को भेजी जाती है और कमेटी ही निर्णय लेती है कि मोबाइल टावर लगवानी है या नहीं।
दीपाली भगोतिया
जोन उपायुक्त
सिविल लाइन जोन, जयपुर।