जयपुर 27 अगस्त 2022।(निक साहित्य) पत्रकार लेखक राजनीतिक चिंतक अशोक भटनागर राष्ट्रध्वज द्वारा लिखित पुस्तक खरी खरी का विमोचन पिंक सिटी प्रेस क्लब के श्री प्रकाश मीडिया सेंटर में विमोचन किया गया ।
समारोह में मुख्य अतिथि मुमताज मसीह, अध्यक्षता- फारुख अफरीदी वरिष्ठ व्यंग्यकार, लेखक एवं ओएसडी (मुख्यमंत्री) सहित विशिष्ट अतिथियों में एल सी भारतीय, सदस्य प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, अरुण जोशी, अतिरिक्त निदेशक सूचना जनसंपर्क निदेशालय तथा अरुण शर्मा, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सहित सभी वरिष्ठ पत्रकार ,साहित्यकार एवं प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथियों ने शिरकत की।
अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि मुमताज मसीह ने कहा कि मैंने बरसों से पत्रकार साथियों से बहुत कुछ सीखा है ।भटनागर से मेरे 40 साल पुराने संबंध है यह बोलते भी खरी खरी हैं तथा लिखते भी खरी खरी हैं। अध्यक्षीय भाषण में फारुख अफरीदी ने कहा कि आज पत्रकारों को पत्रकारिता के साथ-साथ देश की वर्तमान परिस्थितियों पर लिखित रूप में पुस्तकें प्रकाशित करनी चाहिए जो एक शताब्दियों के लिए दस्तावेज की तरह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक बने। अतिरिक्त निदेशक डीआईपीआर अरुण जोशी ने कहां की पिंक सिटी प्रेस क्लब में साहित्यिक गतिविधियों को निरंतर किया जाना आवश्यक हो गया है। पिंक सिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष मुकेश मीणा ने उपस्थित सभी पत्रकार साथियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम प्रेस क्लब में साप्ताहिक साहित्यिक गोष्ठियों का आयोजन करेंगे। एल सी भारतीय ने कहा की वह हमेशा पत्रकारों की समस्या का निस्तारण करने के लिए भारत सरकार के स्तर पर निरंतर कार्य कर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक सत्य पारीक ने उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पुस्तकों की समीक्षा प्रकाशित की जानी चाहिए। चाहे वह आलोचनात्मक ही क्यों ना हो इससे लेखकों का मनोबल बढ़ता है।
मंच संचालन वरिष्ठ पत्रकार एवं पिंक सिटी प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष एल एन शर्मा ने किया तथा उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता में खरी- खरी कहने वाले तथा खरी-खरी लिखने वालों का नितांत अभाव हो गया है। भटनागर की पुस्तक ने सभी युवा पत्रकारों को एक नई दिशा दिखाने का काम किया है। लेखक भटनागर ने पुस्तक के बारे में बताया कि पुस्तक में वर्तमान देश के हालात और राजनीति में आई गिरावट पर कई व्यंग और आलेख इस पुस्तक में संकलित किए गए हैं। सभी पाठकों से अनुरोध करते हुए कहा कि वे पुस्तक के बारे में लेखक को अपनी- अपनी समीक्षा से अवगत कराएं जिससे आगामी पुस्तकों में अगर कोई त्रुटि रही हो तो उसे सुधारा जा सके।
समारोह के अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।