जयपुर के मानसरोवर के पत्रकार कॉलोनी स्थित डॉ रमेश मेमोरियल अस्पताल पर घोर लापरवाही का आरोप, ऑपरेशन के दौरान पेट में कपड़ा छोड़ा, मरीज जिंदगी और मौत से लड़ रही है,, थाना मुहाना में 1 महीने से परिवाद दिया हुआ है पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं,,

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* पीड़िता का पति सुवालाल मुहाना में पंचर लगाता है,,
* दोनों बच्चे स्कूल की फीस नहीं जमा होने से निकाले जा चुके हैं,,
* दो लाख से ऊपर का कर्जा हो चुका है,,
* फिर भी मरीज जिंदगी की जंग लड़ रही है,,
* मुहाना थाना इंचार्ज ने मेडिकल बोर्ड गठित करने के लिए पत्र लिख दिया है पर अभी विभाग से कोई जवाब नही आया ,शीघ्र बोर्ड गठित कर उचित कार्रवाई की जाए,,
* पीड़िता अनुसार डा.जय श्री सक्सैना का लाइसेंस निरस्त हो, डा जय श्री सक्सैना एवम अस्पताल पर सख्त कार्यवाही हो,,

जयपुर 30 जुलाई 2022।(निक चिकित्सा) मरीजों के लिए एक चिकित्सक भगवान की तरह होता है जो उचित उपचार से उसकी पीड़ा को समाप्त करता है। लेकिन यदि यह भगवान ही मरीजों के उपचार के दौरान लापरवाही बरते और उसे नई पीड़ा दे दे तो फिर मरीज 'किस भगवान पर विश्वास करे। एक गरीब व्यक्ति अपने प्रियजनों के बीमारी के इलाज के लिए हर संभव प्रयास करता है, चिकित्सकों के बताए अनुसार उपचार, दवा और ऑपरेशन आदि करवाता है, फिर चहे वह उसके बूते से बाहर ही क्यों न हो। लेकिन चिकित्सक की चूक मरीज की पीड़ा को हरने बजाए उसे और बढ़ा देती है।

ऐसा ही एक मामला जयपुर के डॉ रमेश मेमोरियल निजी अस्पताल का सामने आया है, जिसमें अस्पताल के चिकित्सक ने एक महिला का ऑपरेशन किया लेकिन खून पौंछने का कपड़ा पेट में ही छोड़ दिया। पीडि़ता और परिजन इस आस में थे कि ऑपरेशन हो गया अब तो दर्द से छुटकारा मिल जाएगा, लेकिन डॉक्टर की लापरवाही ने उसे एक नया दर्द दे दिया। आर्थिक रूप से कमजोर पंक्चर की दुकान चलाने वाले पीडि़ता के पति ने जैसे तैसे कर्ज लेकर चिकित्सक के कहे अनुरूप अपनी पत्नी का ऑपरेशन करवाया था। जयपुर में नानगी देवी के पति सुवालाल प्रजापत ने बताया कि 32 वर्षीय मरीज नानगी देवी रक्तस्त्राव व पेटदर्द की शिकायत होने पर 16.11.2021 को डॉ. रमेश मेमोरियल हस्पताल मे डॉ. जयश्री सक्सेना को दिखाया गया था।

    डॉ. जयश्री ने जांच करने के बाद गर्भाशय का ऑपरेशन करने की सलाह दी जिसको मानकर पीडि़ता को डॉ. रमेश मेमोरियल अस्पताल में भर्ती करवा दिया और 17.11.2021 को ऑपरेशन कर दिया गया। लेकिन नानगी देवी को लगातार दर्द रहते हुए भी जबरन 20.11.2021 को डॉ. जयश्री सक्सेना ने छुट्टी दे दी और पूरा पैसा वसूल लिया। पीडि़ता के पति ने कहा कि ऑपरेशन के 7 माह बाद तक भी लगातार पत्नी नानगी देवी को डॉ. जयश्री को दिखाते रहे। इस दौरान डॉ. जयश्री बिना पुन: जांच किए ही पीडि़ता नानगी देवी का पेट दर्द और उल्टी -दस्त का इलाज करती रही।

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    *मुहाना मंडी में परिवाद दर्ज है डॉक्टर जय श्री सक्सेना के खिलाफ, दोनों बच्चों को स्कूल से निकाल दिया गया है, लगभग एक लाख से ऊपर का कर्जा हो गया है पीड़ित पर इसे न्याय जल्द मिलना चाहिए*
    आराम नहीं मिलने पर 23 .6.2022 को बगरू स्थित बालाजी सोनी अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां 24.6.2022 को डॉ. उमा रघुवंशी ने नानगी देवी का ऑपरेशन कर पेट से कपड़ा निकाला। पीडि़ता के पति सुवालाल प्रजापता ने बताया कि पेट से कपड़ा निकाले जाने के सारे सबूत बालाजी हॉस्पिटल ने उन्हें दिए हैं। यही नहीं दुर्लभजी अस्पताल की बायोस्पी रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टी की गई है। इससे यह स्पष्ट हो गय है कि आपरेशन के दौरान डॉ जयश्री सक्सेना ने अंदर ही एक खून पोंछने का कपडा छोड दिया, जिससे मेरी पत्नी अब तक जिंदगी और मौत से लड रही है। इस संबंध में मुहाना पुलिस थाने में मामला भी दर्ज करवाया गया है लेकिन अस्पताल और चिकित्सक के खिलाफ
    एक महीने से ऊपर हो गया लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
    पीडि़ता और उसका पति अब जिला प्रशासन/चिकित्सा विभाग और पुलिस से इस मामले में न्याय की गुहार कर रहे हैं।

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