जयपुर 18 जून 2022।(निक राजनीति) आम आदमी पार्टी, राजस्थान सरकार में नियुक्ति, प्रतिनियुक्ति और तबादलों में चल रहे आर्थिक और राजनीतिक भ्रष्टाचार का विरोध करती है। प्रदेश में कोई भी पोस्टिंग अथवा तबादला क्षेत्र या विभाग की जरूरत और कर्मचारी अथवा अधिकारी की योग्यता के आधार पर होनी चाहिए। विधायक की “डिजायर” के आधार पर नहीं होनी चाहिए। प्रदेश में सत्ता कांग्रेस की हो या बीजेपी की, तबादलों और नियुक्तियों में भ्रष्टाचार बेरोकटोक जारी है। यही वजह है कि आज राजस्थान भ्रष्टाचार के सूचकांक में देश का सर्वोपरि राज्य है। यह शर्मनाक स्थिति है।
आम आदमी पार्टी राजस्थान के पूर्व प्रदेश सचिव और वरिष्ठ नेता देवेंद्र शास्त्री ने जयपुर प्रदेश कार्यालय पर आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में कहा कि अगर यह सच है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यसभा चुनाव में विधायको को कांग्रेस के पक्ष में वोट करने के लिए 400 डिजायर का प्रलोभन दिया है, तो यह प्रदेश के इतिहास में भ्रष्टाचार का एक काला अध्याय साबित होगा। एक शब्द है डिजायर ! ये शब्द ही गलत है। इसे सरकारी महकमों में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। आप जरा शब्द कोष उठा कर देखिए।
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि खंडेला SDM कोर्ट में पिछले दिनों हुए वकील हंसराज मावलिया के आत्मदाह की घटना में दोष केवल अधिकारियों का नहीं है बल्कि उस डिजायर का भी है जिसके तहत दोषी अधिकारियों की नियुक्ति की गई। अगर किसी विधायक की डिजायर पर दोषी अधिकारियों को नियुक्ति दी गई है तो कानून का हाथ डिजायर लिखने वाले तक भी जाना चाहिए।
आम आदमी पार्टी मांग करती है कि सरकार में विधायक की डिजायर से नियुक्ति अथवा तबादलों की परंपरा को बढ़ावा देने की बजाय इसे रोका जाना चाहिए। अगर सरकार जनता को भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने की बजाय विधायकों की डिजायर पूरी करने का सिलसिला जारी रखती है तो आम आदमी पार्टी इस भ्रष्टाचार का विरोध करेगी।
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि तबादला और पोस्टिंग प्रदेश में करोबार की शक्ल ले चुके हैं। बड़ी संख्या में ट्रांसफर पोस्टिंग कराने वाले दलाल पैदा हो गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आशा की जा रही थी कि वो ट्रांसफर पोस्टिंग के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाएंगे लेकिन उन्होंने तो इस अवैध कारोबार को वैध बनाने की दिशा में कदम उठा दिया है। यह प्रदेश की जनता के साथ धोखा है।*Open link for this news*
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शास्त्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी प्रदेश में प्रशासकीय जरूरतों को प्राथमिकता देते हुए स्थानांतरण व नियुक्ति की एक पारदर्शी नीति (पालिसी) बनाने की मांग करती है ताकि कर्मचारी व अधिकारी आश्वस्त हो कर अपनी सेवा दे सके। किसी भी कर्मचारी या अधिकारी की नियुक्ति उसकी योग्यता और विभाग या क्षेत्र की जरूरत को देख कर ही की जानी चाहिये। विधायक अथवा मंत्री की “डिजायर” तबादले या नियुक्ति का आधार किसी भी सूरत में उचित नहीं है।
आम आदमी पार्टी मुख्यमंत्री श्री गहलोतजी से पूछना चाहती है कि विधायको से आप 400 डिजायर मांग रहे हैं। जनता की डिजायर पर कब विचार करेंगे। प्रदेश में कानून और व्यवस्था के हालात बदतर होते जा रहे हैं। शिक्षण संस्थाओं की स्थिति खराब है। लगातार पेपर लीक हो रहे हैं। बेरोजगार सड़कों पर हैं। प्रदेश में बिजली- पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है। सरकार की तरफ से कोई सार्थक प्रयास दिखाई नहीं दे रहे हैं।
कांग्रेस और सरकार का समर्थन कर रहे विधायकों की कुल संख्या 126 है। हर एक विधायक को 400 डिजायर लिखने का प्रस्ताव दिया गया है। आप सोचिए कि वसूली का आलम क्या होने जा रहा है। आम आदमी पार्टी प्रदेश के कर्मचारियों, अधिकारियों और अध्यापकों से अपील करती है कि वो डिजायर के भ्र्ष्टाचार से दूर रहे। इसका प्रतिकार करें। अगर कोई विधायक डिजायर लिखने के लिए पैसे की माँग करता है तो उसे एक्सपोज़ करें।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली और पंजाब में डिजायर के कारोबार पर पूरी तरह रोक लगा दी है। वहां अधिकारी और कर्मचारी संतुष्ट है। और जनता को भी राहत मिली है।