ब्रेन ट्यूमर अब लाइलाज नही, जीत सकते हैं जंग – रुक्मणी बिरला हॉस्पिटल में आयोजित हुए जागरूकता कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने दी जानकारी,,

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जयपुर 10 जून 2022।(निक चिकित्सा) ब्रेन ट्यूमर अब तक मस्तिष्क की खतरनाक बिमारी मानी जाती थी। बिमारी की पहचान होने पर मरीज अपने जीवन की आशा छोड़ देते थे। लेकिन चिकित्सा विज्ञान में आई नई तकनीकें ब्रेन ट्यूमर के मरीजों के लिए वरदान साबित हुई हैं। नई तकनीकों से ब्रेन ट्यूमर का इलाज आसानी से संभव है और मरीज आसानी से अपना जीवन व्यतीत कर सकता है। रुक्मणी बिरला हॉस्पिटल में ब्रेन ट्यूमर डे पर आयोजित हुए जागरूकता कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने इसके इलाज और बचाव के बारे में जानकारी दी। अस्पताल के एडिशनल डायरेक्टर न्यूरो सर्जरी डॉ. अमित चक्रबर्ती ने लोगों को ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूक किया।

न्यूरो सर्जन डॉ. अमित चक्रबर्ती ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर के कुछ लक्षण होते है जैसे सर दर्द होना , उलटी होना, आँखों की रोशनी में कमी आना, दौरे पड़ना, हाथ या पैरो में कमजोरी आना,या बोली में लड़खड़ाहट होना| ऐसी स्थिति में हमें तुरन्त डॉक्टर से परामर्श कर उचित जाँचे करानी चाहिए ताकि समय रहते ये पता लगा सके की सिर में किसी तरह की कोई गाँठ तो नहीं है | आम तौर पर 40 से 50 प्रतिशत गांठे सामान्य होती है जिनमें कैंसर के लक्षण नहीं पायें जाते है |
ब्रेन ट्यूमर का इलाज पिछले 10 वर्षो में काफी हद तक विकसित हुआ है एवं अब मिनिमली इनवेसिव तकनीक से हाई पावर माइक्रोस्कोप एवं ट्यूमर फ्लोरेसेंस के जरिये ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन बहुत सेफ हो गया है | ऑपरेशन के पश्चात जो गाँठ बची रह जाती है उसके लिये हम रेडियो थेरेपी एडवाइज करते है |

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    लक्षणों को समय पर पहचाने तो संभव है बेहतर इलाज –
    न्यूरो साइंस विभाग के डायरेक्टर डॉ. अंजनी कुमार शर्मा ने बताया कि अगर ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को समय रहते पहचान कर डॉक्टर से संपर्क किया जाए तो इसका बेहतर इलाज संभव है। अगर मरीज को सुबह उठने के तुरंत साथ ही सिर में दर्द होना, अचानक उल्टी जैसा महसूस होना, याददाश्त कम होना, व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन आना, छोटी छोटी बातों में चिड़चिड़ाहट होना या आंखों की रोशनी कम होना जैसे लक्षण आए तो उसे ब्रेन ट्यूमर होने की संभावना हो सकती है। डॉ. पुष्कर गुप्ता ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर से बचने के लिए व्यक्ति को तनाव रहित जीवन शैली अपनानी चाहिए। इसके लिए भरपूर नींद लें, मोबाइल फोन का सीमित उपयोग करें, खान-पान संतुलित करें और लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें। अस्पताल की मैनेजमेंट टीम से हरसिमरन सिंह ने कहा कि रुक्मणी बिरला हॉस्पिटल में ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी के सफल इलाज के लिए अनुभवी टीम है जोकि अपने पेशेंट के लिए शत प्रतिशत देकर उन्हें दोबारा सामान्य जीवन देने का पूरा प्रयास करती है।