गांधी परिवार के प्रति निष्ठा का नव संकल्प है चिंतन शिविर का सार,चिंतन शिविर के बाद और चिंताएं बढ़ेंगी कांग्रेस की – योगेन्द्र गुप्ता,,

511

जयपुर 16 मई 2022!(निक राजनीति) आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेन्द्र गुप्ता ने एक अहम बयान जारी करते हुए कहा कि चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस की चिंताएं और बढ़ने वाली हैं जिसकी शुरुआत गुजरात और हिमाचल में कांग्रेस की ऐतिहासिक हार से होगी ! इसके बाद 2023 में होने वाले अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शनक के बाद यह चिंता अपने सर्वोच्च शिखर पर होगी ।

गुप्ता ने कहा कि इस शिविर का अघोषित उद्देश्य गांधी परिवार के प्रति उठ रहे असंतोष व G 23 ग्रुप के नेताओं द्वारा उठाये जा रहे सवालों को शांत करते हुए गांधी परिवार को ही पार्टी का एकमात्र खेवनहार साबित करना था जो गांधी परिवार के प्रति नतमस्तक निष्ठा के साथ सम्पूर्ण हुआ ! लेकिन अहम सवाल यह है कि जिस गांधी परिवार और उनके तथाकथित सलाहकारों के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस की यह दुर्दशा हुई है उसी गांधी परिवार और उनके उन्ही तथाकथित सलाहकारों के नेतृत्व में आगे ऐसा कौनसा जादू होगा जिससे पार्टी की दशा व दिशा बदल जाएगी ।

    राहुल गांधी की राजनीतिक गंभीरता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि 2013 में ही राहुल गांधी ने अपने बयान “सत्ता एक ज़हर के समान है” के माध्यम से यह संकेत दे दिया था कि वे राजनीति को ले कर कितने गंभीर है । 2019 में पार्टी की हार के तुरंत बाद बजाय दुगुनी ताकत से संघर्ष करने के पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ कर मैदान से हट जाना या अहम मौको पर विदेश भ्रमण पर चले जाना बताता है कि सता के ज़हर को पीने में उनकी कतई रूचि नहीं नहीं है लेकिन इतनी सी बात कॉंग्रेस को समझ में नहीं आती । अनेको बार राहुल गांधी की लॉन्चिंग और उसके बाद कॉंग्रेस की ओर बड़ी हार की लिखी गई इबारत के बाद भी राहुल गांधी के नेतृत्व में कॉंग्रेस के उद्धार का दिवा स्वप्न सिर्फ कांग्रेसी ही देख सकते हैं ।
    गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस अपने कर्मों से अपनी विश्वसनीयता पूरी खो चुकी है ! इस नाते वे चाहे जो संकल्प ले, रोडमेप बनाये या बड़ी – बड़ी बातें करे जनता उस पर विश्वास करने को तैयार नहीं है । उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कॉंग्रेस के भ्रष्टाचार से लड़ने के दावे पर कौन यकीन करेगा जब खुद गांधी परिवार और प्रियंका वाड्रा परिवार पर भ्रस्टाचार के गंभीर आरोपो पर जांच चल रही हो और राजस्थान में भ्रष्ट मशीनरी भ्रष्टाचार के नए – नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हो ! महिला उत्थान की बातों पर जनता कैसे भरोसा करेगी जब कॉंग्रेस शासित राजस्थान में मंत्री तथा विधायक पुत्रो की रेप में संलिप्तता हो और आये दिन महिलाओं की अस्मत पर वार हो रहा हो ! बेरोजगारी से लड़ने की बात कॉंग्रेस के लिए तब हास्यास्पद स्थति पैदा कर देती जब राजस्थान बेरोजगारी में देश में अव्वल नम्बर पर हो, महीनों से सड़कों पर बैठ कर आंदोलन कर रहे CHA व अन्य बेरोजगार युवाओं के प्रति राज्य सरकार का रवैय्या कॉंग्रेस की बेरोजगारी के प्रति गंभीरता की पोल खोल देता है ! इसी प्रकार देश में सबसे महंगी बिजली, पेट्रोल और डीजल देने वाली राजस्थान सरकार के बाद कोई बिरला ही होगा जो कॉग्रेस के महंगाई से लड़ने की बातों पर विश्वास करेगा ।