जयपुर 30 अप्रैल 2022।(निक शिक्षा)जगतपुरा स्थित विवकानंदा ग्लोबल विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। जो 28 से 30 अप्रैल 2022 तक चली।
शनिवार को इस कांफ्रेंस का समापन समारोह आयोजित किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथी सलमान खुर्शीद ,सीनियर एडवोकेट ,डॉ. के. राम (मुख्य संरक्षक, वीजीयू),डॉ ललित के पंवार, चेयरपरसन् वीजीयू, डॉ के आर बागरिया, फाउंडर वीजीयू एंड वीआईटी कैंपस एवं डॉ विजय वीर सिंह, प्रेसिडेंट वीजीयू ने दीप प्रज्वलित् करके किया।
इस अवसर पर श्री परवेज देशवाली (जीएसटी, सीमा शुल्क अधिकारी, सीबीआईसी), श्री तन्मय शर्मा (राष्ट्रीय प्रवक्ता लोग ग्रीन पार्टी) कनक सहगल (वरिष्ठ छवि सलाहकार और कॉर्पोरेट सॉफ्ट स्किल ट्रेनर स्टाइलिस्ट शिष्टाचार कोच) एवं डॉ. रिम्मी शेखावत (उपाध्यक्ष राजस्थान स्टेट डेंटल काउंसिल)निदेशक मारवधर अस्पताल) पनेलिस्ट के तौर पर सम्मिलित हुए।
मुख्य अतिथि सलमान खुर्शीद , सीनियर एडवोकेट ने इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए विश्वविद्यालय को धन्यवाद दिया। उन्होंने भारत में महिलाओं की स्थिति के बारे में बात की। उन्होंने जेंडर ब्लाइंडनेस विषय पर बात की। उन्होंने कहा कि न्याय की देवी के बारे में सोचो ,जो व्यक्ति देख नहीं सकता उसकी धारणा अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि वे सब कुछ महसूस करते हैं।हम उन सभी कोरोना योद्धाओं को सलाम करते हैं जिन्होंने मानवता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी ।उन्होंने महिलाओं के बारे में बात की। बाल विवाह, महिला सुविधाएं और घरेलू हिंसा नियमित रूप से बढ़ रही है। कोरोना में महिलाओं को कितनी ही समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।कोरोना में यौन उत्पीड़न की तरह घरेलू हिंसा बढ़ी, हत्या और बलात्कार भी बढ़े।कोरोना के दौरान महिलाओं की नौकरी जा रही थी और उन्हें अपने परिवार का गुजारा करना था।स्वास्थ्य क्षेत्र में महिला डॉक्टरों और नर्सों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने कहा कि फेक न्यूज सही न्यूज से ज्यादा फैलती है। उन्होंने सभी छात्रों को उज्ज्वल भविष्य के हार्दिक शुभकामनाएं दी। डॉ. के. राम (मुख्य संरक्षक, वीजीयू) ने अपने संबोधन में सभी गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ सभी शिक्षकों और छात्रों को धन्यवाद दिया।उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में बताया। डॉ ललित के. पंवार (चेयरपरसन् वीजीयू) ने अपने वक्तव्य में कहा कि “सलमान खुर्शीद जी आपके आने से हमारी ईद से पहले ही छोटी ईद हो गई है” । उन्होंने छाया कोविड-19 के बारे में बताया। डॉ पंवार ने बताया कि यूनिसेफ ने 5 बिंदुओं को अंतिम रूप दिया है- देखभाल करने वालों की देखभाल, लिंग हिंसा पर विरोध व्यक्त करें, गैर-शिक्षा प्रणाली के लिए स्वास्थ्य बनाए रखना, आपूर्ति और कनेक्टिविटी नेटवर्क में अधिकारों को ध्यान में रखते हुए मौजूदा मांगों को शामिल किया जाना और लिंग डेटा उपलब्धता सुनिश्चित किया जाना।
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इसी क्रम में डॉ केआर बगरिया (फाउंडर वीजीयू एंड वीआईटी कैंपस) ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने यह भी महसूस किया कि कोविड -19 के दौरान महिलाओं ने अधिक बलिदान दिया और उन्हें पुरुषों की तुलना में सामान्य से अधिक घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ा।उन्होंने कानून के छात्रों से कहा कि वे हर क्षेत्र का ध्यान रखें और पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता बनाए रखें।जब पंचायती राज शुरू हुआ और महिलाओं को आरक्षित सीटें मिलीं तब भी उनके परिवार के पुरुष गांव की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
आज की महिलाएं जो आरक्षित हैं, उनका पालन-पोषण अभी भी उनके पुरुषों द्वारा किया जाता है।
डॉ विजय वीर सिंह (प्रेसिडेंट,वीजीयू ) ने सभी का अभिवादन किया उन्होंने संक्षेप में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में बताया।
सम्मेलन को आगे बढ़ाते हुए सभी panelist ने अपनी राय और अनुभव साझा की एवं बताया कैसे महिलाएं समाज, कार्यस्थल और परिवार में असमानताओं का सामना करती हैं। शोध पत्र प्रस्तुति के लिए विजेता मालविका शर्मा को मुख्य अतिथि श्री सलमान खुर्शीद जी ने सम्मानित किया।डॉ मनीषा चौधरी (एसोसिएट डीन, प्रबंधन अध्ययन और कानून विभाग) द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।कार्यक्रम के सफल आयोजन में ओंकार बगरिया, CEO, वीजीयू का महत्वपूर्ण योगदान रहा।