जयपुर 16 मार्च 2022।(निक धार्मिक)अतिरिक्त पुलिस आयुक्त श्री हैदर अली जैदी ने कहा कि शब-ए-बारात का अर्थ है शब यानी रात और बारात यानी बरी होना। शब-ए-बारात का रात को इस दुनिया को छोड़कर जाने वाले अपने पूर्वजों की कब्रों में रोशनी और उनके लिए दुआ मागी जाती है।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त सुनीता मीना ने
कहा कि इस्लामिक मान्यता के अनुसार इस रात को अल्लाह अपने चाहने वालों को हिसाब-किताब रखने के लिए आते हैं। इस दिन जो भी सच्चे मन से अल्लाह से अपने गुनाहों के लिए माफी मांगते हैं अल्लाह उनके लिए जन्नत के दरवाजे खोल देता है। आइए हम सब मिलकर अपने देश की तरक्की के लिए समृद्धि के लिए सौहार्द पूर्ण वातावरण के लिए दुआ मांगें।