मातृत्व का सपना होगा साकार विश्व विख्यात डॉक्टर नयना पटेल द्वारा अब जयपुर सी स्कीम में जिविया आईवीएफ केंद्र की हुई शुरुआत

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जयपुर, 16 फरवरी 2022।(निक) मातृत्व के सपने को साकार करने के लिए डॉ. नयना पटेल द्वारा स्थापित भारत का प्रमुख फर्टिलिटी और आईवीएफ केन्द्र जिविया आईवीएफ अब सी-स्कीम जयपुर में लांच हो गया है। बांझपन उपचार में गत 30 वर्षों के अनुभव और 18000 से अधिक जोड़ो को गर्भधारण का सुख प्रदान कर चुका यह केन्द्र अब जयपुर में भी इस क्षेत्र में अपनी महती सेवाएं प्रदान करेगा। जिविया आईवीएफ में उच्च योग्य आईवीएफ विशेषज्ञों, एम्ब्रोयालॉजिस्ट के साथ ही एक विश्वस्तरीय आईवीएफ लैब है जिसमें सर्वोत्तम इन्फ्रास्ट्रक्चर और उपकरण उपलब्ध हैं।
जयपुर जिविया केन्द्र बांझपन के समाधान के लिए उन्नत सेवाएं तथा तकनीक प्रदान करता है जिसमें रिजनरेटिव मेडिसिन, माइक्रोफ्लुइड्स, डीएनए फ्रिगमेंटेशन, पीजीडी और पीजीएस शामिल हैं। यहा आईसीएसआई (इंट्रा साइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन), आईयूआई, आईवीएफ, डोनर सर्विसेज, क्रायोप्रेजर्वेशन (फ्रीजिंग), मेल फर्टिलिटी सॉल्यूशन्स जैसे टीईएसए, पीईएसए, एम-टीईएसई सहित असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्निक्स (एआरटी) की शल्य चिकित्सा हिस्टेरोस्कोपी, लैप्रोस्कोपी और एण्डोस्कोपी की एक पूरी श्रृंखला उपलब्ध रहेगी। ज़िविया आईवीएफ केन्द्र में एक छत के नीचे यह समस्त उन्नत प्रजनन समाधान उपलब्ध करवाए जाएंगे।

गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में बांझपन कई युवा जोड़ों के बीच सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक के रूप में उभरा है। जीवन शैली,प्रदूषण,तनाव,अनियमित नींद पैटर्न, मधुमेह, मोटापा, धूम्रपान और शराब भारत में बांझपन के बढ़ने के कुछ कारण हैं। द इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन के अनुसार, बांझपन वर्तमान में लगभग 19 प्रतिशत भारतीय आबादी को प्रभावित करता है। शहरी क्षेत्रों में उच्च दर के साथ प्रत्येक चार में से एक जोड़ा प्रभावित होता है।
यहां यह भी जानने योग्य है कि पिछले 2 दशकों में, डॉ पटेल ने राजस्थान के 1000 से अधिक रोगियों को माता-पिता के अपने सपने को पूरा करने में मदद की है, जिसके कारण जयपुर को ज़िविया आईवीएफ के लिए लॉन्च सिटी के रूप में चुना गया है। आंकड़ों से यह भी पता चला कि पिछले 2 दशकों में राजस्थान में प्रजनन दर तेजी से 4.6 से घटकर 2.0 हो गई है और अब राजस्थान उन शीर्ष 10 राज्यों में शामिल है जहां प्रजनन क्षमता तेजी से घट रही है। इसके अलावा, राजस्थान में प्रचलित धार्मिक और पारम्परिक रीति-रिवाजों के साथ-साथ जागरूकता की कमी के कारण, बड़ी संख्या में जोड़े उपचार में देरी करते हैं, जिसने राज्य में बांझपन के आंकड़ों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
लांच के अवसर पर जिविया आईवीएफ की को-फाउण्डर तथा चिकित्सा निदेशक डॉ. नयना पटेल ने कहा कि जिविया आईवीएफ में हमारा मिशन उच्चतम मानकों के साथ विश्वस्तरीय प्रजनन उपचार सभी के लिए सुलभ करवाना है। उन्होंने बताया कि जिविया आईवीएफ केन्द्र अत्याधुनिक तकनीक और उन्नत चिकित्सा सुविधाओं से युक्त है, साथ ही केन्द्र में 30 वर्षों के अनुभव के साथ तैयार किए गए कड़े प्रोटोकॉल्स का पालन किया जाता है, जो बांझपन उपचार में सफलता के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

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    इस अवसर पर जिविया आईवीएफ के निदेशक डॉ. निकेत पटेल, ने कहा, ‘‘युवा विवाहित जोड़ों के बीच बांझपन एक चिन्ता का एक बड़ा विषय बन गया है, अगर कोई जोड़ा एक साल तक बच्चा पैदा करने की कोशिश के बावजूद असफल रहता है तो उनके लिए बांझपन विशेषज्ञ से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। महिलाओं के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि 35 वर्ष की आयु के बाद प्रजनन क्षमता बहुत तेजी से गिरती है, इसलिए सही समय पर परिवार शुरू करने के लिए उचित योजना बनाना महत्वपूर्ण है। जयपुर में जिविया आईवीएफ केन्द्र के माध्यम से शहर के विवाहित युगलों के लिए सबसे उन्नत प्रजनन समाधानों तक पहुंचना और मातृत्व के सपने को पूरा करना आसान हो जाएगा।आईवीएफ प्रक्रिया की सफलता दर मुख्य रूप से आईवीएफ विशेषज्ञ तथा एम्ब्रियोलॉजिस्ट पर निर्भर करती है। जिविया आईवीएफ चीफ एम्ब्रियोलॉजिस्ट डॉ. हर्षा, स्पेन, सिंगापुर, कोरिया, डेनमार्क और इस्तांबुल से प्रशिक्षित है तथा पिछले 20 सालों से निसंतान दम्पतियों को संतान सुख प्रदान करने में मदद कर रही है। ज़िविया आईवीएफ देश में सबसे भरोसेमंद आईवीएफ क्लिनिक श्रृंखला का प्रयास है कि अधिक से अधिक निःसंतान दंपतियों के लिए मातृत्व के सपने को पूरा किया जा सके।