आज़ाद हिन्द सेना के बिना आज़ादी मिलना असंभव था – डॉ. मोक्षराज, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर बोले पूर्व राजनयिक,,

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जयपुर 23 जनवरी 2022।(निक विशेष)अहिंसा का व्यवहार साधु संतों के लिए शोभाजनक हो सकता है, किन्तु राष्ट्र रक्षा के लिए शत्रुओं का दमन ही अहिंसा है । महाभारत में महात्मा विदुर ने कहा “शठे शाठ्यं समाचरेत्” । दुष्टों को सज्जनता से जीतना असंभव है । नेताजी सुभाष चन्द्र बोस इस कटु सत्य से परिचित थे, इसलिए उन्होंने फिरंगियों को भगाने के लिए आज़ाद हिन्द सेना का गठन किया। आज़ाद हिंद सेना के सशस्त्र अभियान ने ही अंग्रेजों की जड़ें हिला दी थी । आज़ाद हिन्द सेना के बिना आज़ादी असंभव थी ।

उक्त विचार अमेरिका स्थित भारतीय राजदूतावास वाशिंगटन डीसी में प्रथम सांस्कृतिक राजनयिक एवं भारतीय संस्कृति शिक्षक रहे डॉ. मोक्षराज ने भारत स्वाभिमान ट्रस्ट-युवा भारत एवं आर्य समाज राजापार्क, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती के उपलक्ष्य में व्यक्त किए ।
उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्वदेशी स्वाभिमान व उग्र राष्ट्रवाद के ज्वलंत उदाहरण थे। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया ।
डॉ. मोक्षराज ने कहा कि स्वतंत्र भारत में श्वास लेने वाले हम सभी भारतीयों को नेताजी के सपनों का भारत बनाने का संकल्प लेना चाहिए । राष्ट्र की उन्नति व रक्षा के लिए हमें तन-मन व धन से समर्पित रहने की आवश्यकता है ।

    प्रांत स्तरीय इस ऑनलाइन कार्यक्रम में आर्यसमाज राजापार्क की प्रधान मृदुला सामवेदी, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के प्रांत प्रभारी अरविंद पांडेय, महिला पतंजलि योग समिति की राज्य प्रभारी विजय लक्ष्मी शर्मा, पतंजलि, सोशल मीडिया राज्य प्रभारी आनंद आर्य, जयपुर यज्ञ प्रभारी राजेश गुप्ता तथा वैदिक कन्या पीजी कॉलेज के व्यवस्थापक विकास आर्य आदि के साथ राजस्थान के 20 ज़िलों से जुड़े सैकड़ों लोगों ने हवन में आहुतियॉं देते हुए नेताजी को स्मरण किया तथा यजुर्वेद के राष्ट्र स्तवन मंत्र से आहुति प्रदान की ।