पुलिस महानिदेशक ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया,

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जयपुर 10 जनवरी 2022।(निक क्राइम) डीजीपी लाठर ने आज मीडिया के सामने वार्षिक प्रतिवेदन बिन्दुवार इस प्रकार है,,

1. वर्ष 2021 राजस्थान पुलिस के लिए नवीन प्रयोगों, कुछ साहसिक निर्णयों एवं चुनौतियों से भरा रहा।
2. मात्र अपराध पंजीकरण को अपराध परिदृष्य का सूचक मानने की प्रवृति के कारण उत्पन्न अपराध पंजीकरण संबंधी कुरीतियों को दूर करना प्रमुख चुनौती थी। परिवादी को न्याय दिलाने के लिए आवष्यक‘‘ निर्बाध पंजीकरण‘‘ को महत्ता दी गई, जिसे राज्य सरकार द्वारा न केवल समर्थन बल्कि भरपूर प्रोत्साहन दिया गया जिसके बिना इसे लागू करना असम्भव था।
3. राजस्थान पुलिस द्वारा वर्तमान परिदृष्य व भविष्य की दृष्टिगत एक ऐतिहासिक दस्तावेज ‘‘विजन 2030‘‘ तैयार किया गया।
4. पब्लिक फ्रेन्डली अवधारण के अन्तर्गत पुलिस मित्र एवं ग्राम रक्षको को भी पुलिस बल से जोडा गया है साथ ही पुलिस थानों में परिवादियों के लिए साकारात्मक वातावरण उपलब्ध कराने हेतु स्वागत कक्षों का निर्माण किया गया है। अभी तक 663 थानों में स्वागत कक्ष का निर्माण हो चुका है एवं 158 में निर्माण कार्य प्रगति पर है।
5. 8. सन् 2020 में “मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों” में अपराधियों को सजा की दर राष्ट्रीय औसत 38.90ः की तुलना में राज्य में सजा दर 56.80ः रही है जो राष्ट्रीय औसत से 17.90ः अधिक है। राजस्थान पुलिस का गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान इसका प्रमुख कारक है। सन् 2021 के लिए विश्लेषण प्रक्रियागत है।
6. राजस्थान पुलिस द्वारा पूर्ण प्रतिबद्धता एवं निष्ठा से कार्य करने के फलस्वरूप सन् 2019 में महिला अपराधों से संबंधित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण में राजस्थान राज्य देश में प्रथम रहा एवं सन् 2020 में द्वितीय स्थान (बड़े राज्यों) पर रहा । यह राजस्थान पुलिस की महिला सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता एवं कटिबद्धता को दर्शाता है। दुष्कर्म के प्रकरणों में पुलिस अनुसंधान का औसत समय जो 2018 में 241 दिन था, पुलिस की मुस्तैदी से अब 2021 में यह घटकर 86 दिन रह गया है, जो बड़ी उपलब्धी है।
7. वर्ष 2021 में भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों के पंजीकरण में वर्ष 2019 की तुलना में -4.77ः की कमी हुई है। वर्ष 2021 में भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों के पंजीकरण में वर्ष 2020 की तुलना में 11ः की वृद्धि हुई है , वर्ष 2021 में अदम वकू 30.44ः रहा, जबकि वर्ष 2020 में 27.71 था। जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 3ः बढ़ा है।
8. वर्ष 2021 में सम्पत्ति संबंधी अपराधों के अन्तर्गत वर्ष 2019 की तुलना में 12.66ः कमी रही। डकैती 27.10ः, नकबजनी 5.03ः, चोरी में 14.56ः की कमी एवं लूट में 4.25ः की कमी रही।
9. वर्ष 2020 की तुलना में सम्पत्ति संबंधी अपराधों में 20.99ः की वृद्धि रही डकैती में 2.63ः, लूट 28.57ः, नकबजनी में 17.04ः, चोरी में 21.53ः की वृद्धि रही।
10. वर्ष 2021 में वर्ष 2019 एवं 2020 की तुलना में सम्पत्ति संबंधी अपराधों में चालानी प्रतिशत में में लूट, नकबजनी चोरी एवं कुल संपत्ति संबंधी अपराधों में चालानी प्रतिशत में वृद्धि रही एवं डकैती में आंशिक कमी रही।
11. बरामदगी प्रतिशत में 2019 एवं 2020 की तुलना में डकैती, लूट, नकबजनी में वृद्धि रही एवं चोरी व कुल संपत्ति संबंधी अपराधों में आंशिक कमी रही।
12. वर्ष 2020 में चालानी प्रतिषत 20 एवं 2021 मंे 24 प्रतिषत रही है।
13. वर्ष 2021 में डकैती के अपराधों में हमने 92ः सफलता अर्जित करते हुए 81ः बरामदगी की है एवं लूट के अपराधों में चालानी प्रतिशत 75.22 रहा एवं 75.31ः बरामदगी की गई है
14. वर्ष 2021 में प्रकरणों की पैडेन्सी 18.66 प्रतिषत रही जो वर्ष 2020 के अन्त में प्रकरणों की पैडेन्सी 20.63 प्रतिषत से कम रही।
15. भादस के प्रकरणों के अनुसंधान पैण्डिंग प्रतिषत में राष्ट्रीय स्तर की तुलना में राजस्थान का वर्ष 2020 में तीसरा स्थान रहा है।
16. वर्ष 2021 में अपराध शाखा द्वारा समीक्षा हेतु प्राप्त होने वाली पत्रावलियों का निस्तारण प्रतिषत 86.23 रहा एवं अनुसंधान हेतु प्राप्त होने वाली पत्रावलियों का निस्तारण 52.40 रहा है।
17. एक वर्ष से अधिक अवधि के लम्बित प्रकरणों का निस्तारण राजस्थान पुलिस की प्राथमिकता रही है। पुलिस मुख्यालय से नियमित रूप से पर्यवेक्षण कर वर्ष 2021 में कुल 9302 एक वर्ष से अवधि के लम्बित प्रकरणों का निस्तारण करवाया गया।
18. महिला अत्याचारों में भी विभाग की निर्बाध पंजीकरण की नीति के परिणाम दिखे। इस शीर्षक में भी वर्ष 2021 में वर्ष 2019 की तुलना में अपराध पंजीकरण में 2.27ः की कमी रही एवं वर्ष 2020 की तुलना में अपराध पंजीकरण में 17ः की वृद्धि दर्ज की गई है।
19. वर्ष 2021 में 9.37ः अनुसंधान पैण्डिंग प्रतिशत रहा एवं वर्ष 2020 में 12.55ः था जो वर्ष 2021 की तुलना में 3ः कम रहा है।
20. राज्य सरकार की पहल पर प्रारम्भ निर्बाध पंजीकरण की व्यवस्था से महिलाओं सहित कमजोर वर्ग का परिवाद दर्ज करने का हौसला बढ़ा है। इसका प्रमाण है कि 2018 में दुष्कर्म के 30.5 प्रतिशत मामले कोर्ट के माध्यम (धारा 156-3 दं.प्र.सं.) से दर्ज होते थे, अब इनकी संख्या 16 प्रतिशत रह गई है।

21. महिला अत्याचार और अपराध को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को लगाकर ैचमबपंस प्दअमेजपहंजपवद न्दपज वित ब्तपउम ।हंपदेज ॅवउमद ;ैप्न्ब्।ॅद्ध का 13.08.2019 को गठन किया गया।
22. महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के साथ यौन शोषण सहित जघन्य मामलों पर ‘‘ हिनियस क्राईम मॉनिटरिंग यूनिट‘‘ का 23.01.2020 को गठन कर इसके जरिए सतत् निगरानी रखी जा रही है।
23. महिला अपराधों को रोकने के लिए सभी थानों में ‘‘सुरक्षा सखी समुहों का 26.03.2021 को गठन किया गया है साथ ही राजस्थान पुलिस द्वारा ‘‘एक्शन अगेन्स्ट वूमेन रिलेटेड क्राईम्स एंड अवेयरनेस फॉर जस्टिस‘‘ (आवाज) नामक विशेष अभियान शुरू किया गया है।
24. वर्ष 2021 में मासूम बालिकाओं के विरूद्व दुष्कर्म जैसे घिनौने अपराध करने वाले अपराधियों में कानून का भय उत्पन्न हो एवं समाज में न्याय व्यवस्था के प्रति में आस्था दृढ़ हो, इसके लिए पोक्सो अधिनियम में दर्ज अपराधों में आरोपियों को तुरन्त गिरफ्तारी से लेकर दोषियों को कठोर दण्ड दिलाने के व्यापक प्रयास किए गये। बच्चों के विरूद्ध होने वाले लैंगिक अपराधों की गम्भीरता एवं संवेदनशीलता को दृष्टिगत रखते हुए, ऐसे प्रकरणों में आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार कर एक गुणवत्तापूर्ण त्वरित अनुसंधान निष्पादित कर प्रकरण को केस आफिसर स्कीम में लिया जाकर कठोरतम दण्ड दिलवाने की नये आयम भी स्थापित किए गए हैं। उनमें से कुछ प्रकरणों का उल्लेख किया जा रहा है।
25. 09 वर्षीय बालिका के दुष्कर्मी को न्यायालय द्वारा 09 दिन में सजाः- दिनांक 27.09.2021 को पुलिस थाना कोटखावदा जयपुर में दर्ज इस प्रकरण में अपराधी को दिनांक 15.10.2021 को 20 वर्ष के कारावास एवं 2 लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
26. पिलानी, जिला झुन्झुनू में 05 वर्ष की बालिका से दुष्कर्मी को न्यायालय द्वारा 26 दिन में सजा – दिनांक 19.02.2021 को घटित घटना में पुलिस द्वारा 10 दिवस में ही अनुसंधान पूर्ण किया गया। न्यायालय द्वारा 26 दिन की समयावधि में ही अपराधी सुनील कुमार को मृत्युदण्ड की सजा सुनाई गई।
27. कमजोर वर्गो के विरूद्ध हुए अत्याचार(एस.एसी/एस.एसटी.) प्रकरणों में आंषिक वृद्धि देखी गई है जो कि 8 प्रतिषत है। इस में अदम वकू 51 प्रतिषत है एवं अदम वकू के अतिरिक्त बचे प्रकरणों में 99 प्रतिषत प्रकरणों में चालान किए गए है।
28. दलित दूल्हों को घोड़ी पर नहीं बैठने देने की घटनाओं के मध्यनजर पूरे प्रदेश में कुल 10 वर्षो दर्ज 76 प्रकरणों में से 62 प्रकरणों में चालान, 10 प्रकरणों एफआर व 04 प्रकरण पैण्डिंग अनुसंधान है जिनमें 15 आरोपियों की गिरफतारी शेष है, तदुपरान्त ऐसी घटनाओं में लिप्त होने वाले असामाजिक एवं आपराधिक तत्वों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए दिनांक 29.11.2021 को पुलिस मुख्यालय द्वारा परिपत्र जारी कर दिशा निर्देश दिये।
29. वर्ष 2021 में धोखाधड़ी/फर्जकारी (406-409, 417-420, 465, 468, 471 प्च्ब्) के 23515 प्रकरण दर्ज हुए जिनमें 3490 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। वर्ष 2019 की तुलना में ये इन अपराधों में 12 प्रतिषत की कमी हुई है। वर्ष 2020 की तुलना में ये अपराध 28 प्रतिषत बढे हैं।
30. ऑनलाईन फ्रॉड/साईबर क्राईम मंे हो रही बढोतरी को श्रीमान अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, अपराध द्वारा दिनांक 17 दिसम्बर 2021 को बैंक (एटीएम सुरक्षा के संबंध में सभी बैंकों की बैठक लेकर दिशा निर्देश दिये गए।
31. राज्य में जयपुर पुलिस द्वारा साईबर क्राईम हेल्प लाईन नम्बर 155260 एवं जयपुर के लिए 100 व 112 नम्बर दिये गए है। वर्ष 2021 में अप्रेल से नवम्बर 2021 तक कुल 55 करोड 56 लाख 62 हजार 792 रूपये की साईबर ठगी शिकायत प्राप्त हुई जिसमें से 5 करोड 47 लाख 8 हजार 368 रूपये की बरामदगी की गई।
32. साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन एसओजी राजय जयपुर में वर्ष 2021 में कुल 12 एफआइआर दर्ज की जाकर 43 आरोपियों को गिरफतार कर कई साइबर क्राइम संबंधित वारदातों का खुलासा किया है
33. साइबर क्राइम रोकने तथा ऐसे अपराधों में कुशलतापूर्वक अनुसन्धान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2019 में साइबर अपराध अनुसन्धान यूनिट स्वीकृत की, जिसका संचालन एस.ओ.जी.में प्रारम्भ हो गया है। अपराध शाखा पुलिस मुख्यालय द्वारा साईबर अपराध से संबंधित प्रकरणों का गुणवत्तापूर्व व विशेषज्ञतायुक्त अनुसंधान निष्पादित करने के लिए विशेषज्ञ टीम को नियोजित किया गया है।
34. वर्ष 2021 में अवैध हथियारों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए आर्स ऐक्ट के अंतर्गत कुल 5357 प्रकरण दर्ज किए गए। इनमें से 2354 प्रकरण केवल अवैध आग्नेयास्त्र से सम्बन्धित हैं, जो वर्ष 2020 की तुलना में 3 प्रतिषत आग्नेयास्त्र अधिक पकड़े गए हैं।
35. आर्म्स ऐक्ट में कुल 5924 अपराधी गिरफ्तार किए गए तथा 2121 आग्नेयास्त्र, 3904 कारतूस व 4669 अन्य धारदार हथियार जब्त किए गए।
36. अवैध आग्नेयास्त्रों के विरुद्ध वर्ष 2021 में चलाए गये विषेष अभियान में 906 अवैध हथियार एवं 2038 कारतूस जब्त किए गए।
37. वर्ष 2021 में अवैध शराब के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए 18870 (वर्ष 2020 से 10 प्रतिषत अधिक) प्रकरणों में कुल 19737 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इनके कब्जे से लगभग 5 लाख बोतल अंग्रेजी व लगभग 4 लाख बोतल से अधिक देशी शराब जब्त की गई। अन्य राज्यों से आने वाली अवैध शराब के विरूद्ध भी वर्ष 2021 में माह मार्च एवं अप्रेल में विशेष अभियान चलाया गया।
38. मादक पदार्थों के अवैध प्रचलन से समाज में विभिन्न समस्याओं, विशेष रूप से युवा होने वाले दुष्प्रभावों को रोकने के लिए पूरे वर्ष एन.डी.पी.एस. ऐक्ट में आसूचनाएं संकलन मजबूत कर प्रभावी कार्रवाई की गई।
39. वर्ष 2021 में वर्ष 2020 की तुलना में 8.97 प्रतिषत अधिक कार्रवाई हुई।
40. एन.डी.पी.एस. ऐक्ट में 2989 प्रकरणों में 5610 अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 61 किलो (स्मैक/हेरोईन/ब्राउन शुगर), 14 किलो चरस, 2 588 किलो अफीम, 111 क्विंटल गांजा और 1233 क्विंटल डोडा पोस्त जब्त किया गया।
41. जयपुर शहर के ऑपरेशन क्लीन स्वीप में लगातार अच्छी कार्रवाई की जा रही है।
42. मादक प्रदार्थो के विरूद्ध राज्य स्तर पर ‘स्पेशल टॉस्क फोर्स‘(ैज्थ्) के गठन का प्रस्ताव विचाराधीन है, जिस पर सकारात्मक दिशा में कार्य किया जा रहा है।
43. राज्य स्तर पर नशा मुक्ति के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाई जा रही है, जिसमें नशे के आदी व्यक्तियों को पीड़ित मानते हुए इलाज व पुर्नवास पर ध्यान दिया जायेगा।

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44. सी.आई.डी. अपराध शाखा ने भी वर्ष 2021 में बेहतरीन आसूचना संकलन कर उनके स्तर से पूरे राज्य में कार्रवाई करते हुए 22 प्रकरणों में 2365 किलो गांजा, स्मैक 280 ग्राम, में अफीम 62 किलो 750 ग्राम व 6397 क्विंटल डोडा-चूरा जब्त किया ।
45. भारतीय दण्ड संहिता के प्रकरणों में वर्ष 2021 में कुल 1,86,451 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।
46. सक्रिय एवं वांछित अपराधियों को चिन्हित कर उनकी धरपकड़ के लिए वर्ष 2019 में एक नई योजना टॉप-10 के नाम से आरम्भ की गई थी। वर्ष 2021 तक इस योजना के अंतर्गत 2051 चिन्हित अपराधी गिरफ्तार किए गए, जिनमें से 28 अपराधी राज्य स्तर पर चिन्हित किये गये भी शामिल हैं।
47. वर्ष 2021 में कुल 54,76,400 रूपये के 889 विभिन्न स्तर के ईनामी अपराधी भी गिरफ्तार किए गए
48. वर्ष 2021 में 39 अपराधियों के विरुद्ध राज.पासा के अंतर्गत इस्तगासा पेश कर 6 व्यक्तियों का निरूद्ध किया।
49. 585 अपराधियों के विरुद्ध गुण्डा एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की गई, जिनमें से 193 व्यक्तियों का पाबन्द करने की एवं 21 व्यक्तियों के विरूद्ध जिला बदर की कार्रवाई की गई।
50. आदतन अपराधी जिन पर निरन्तर निगरानी हेतु हिस्ट्रीशीट खोली जाती है, प्रदेश में वर्ष 2021 के प्रारम्भ में उनकी संख्या 10595 थी एवं इस वर्ष में 414 ऐसे अपराधियों की नवीन हिस्ट्रशीट खोली गई।
51. वर्ष 2021 में 1803 भगोड़े, 201 घोषित अपराधी व 15,154 स्थाई वारंटों का निस्तारण किया गया।
52. वर्ष 2021 में 116,096 गिरफ्तारी वारंटों की सफलतापूर्वक तामील कराई।
53. मालखाना निस्तारण के लिए पुलिस मुख्यालय से नियमित अभियान चलाया जाकर माह दिसम्बर-2021 तक कुल 107497 वाहनों का एवं कुल 200302 मालों का निस्तारण करवाया गया।
54. वर्ष 2021 में विशेष उल्लेखनीय कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों की हौसला-अफजाई के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर से 73 पुलिसकर्मियों को विशेष पदोन्नति प्रदान की गई है, जो पिछले 4 वर्षों में सर्वाधिक है।
55. वर्ष 2018 में 35, वर्ष 2019 में 70 एवं वर्ष 2020 में 27 पुलिसकर्मियों को विशेष पदोन्नति प्रदान की गई थी।
56. वर्ष 2021 में विशेष उल्लेखनीय कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों की उत्साहवर्धन हेतु पुलिस मुख्यालय स्तर से 294 पुलिसकर्मियों को नकद ईनाम मय प्रशंसा पत्र व 25 पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशंसा पत्र प्रदान किया गया है।
57. वर्ष 2021 में डी.जी.पी. डिस्क प्रशस्ति रोल 251 अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रदान किये गये है।
58. वर्ष 2021 में आपदा डी.जी.पी. डिस्क (कोविड़-19 के दौरान सहरानीय कार्यो के संबंध में) 14661 अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रदान किये गये है।
59. वर्ष 2021 में राजस्थान पुलिस कल्याण निधि से पुलिसकर्मियों के हितार्थ कल्याणकारी कार्यो व विभिन्न सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए राषि रूपये 4,75,08,490 स्वीकृत की गई है।
60. वर्ष 2021 में राजस्थान पुलिस बेनेवेलेन्ट फण्ड से विभाग में पदस्थापित अधिकारियों/कर्मचारियों के बच्चों को अग्रिम शिक्षा हेतु छात्रवृति के रूप में राशि 5 करोड़ 16 लाख रूपये स्वीकृत की गई है। इस निधि से वर्ष 2021 में 309 मृत पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के आश्रितों को सहायता स्वरूप कुल राशि 1 करोड़ 8 लाख रूपये स्वीकृत की गई है।
61. वर्ष 2021 में राजस्थान पुलिस कार्मिक कल्याण न्यास से मृत 286 सदस्यों के नोमिनी को राशि 1 करोड़ 40 लाख रूपये बतौर आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई।
62. कोविड़-19 संक्रमण की रोकथाम संबंधी ड्यूटी के दौरान कोविड़-19 से संक्रमित होकर जान गंवाने वाले 32 पुलिसकर्मियों के आश्रितों को 70.00 लाख रूपये प्रति पुलिसकर्मी की दर से विषेष अनुग्रह अनुदान स्वरूप कुल राशि 22.40 करोड़ रूपये स्वीकृत की गई है।

    63. राजस्थान देश में प्रथम व एकमात्र ऐसा राज्य बना जहाँ पुलिस अधीक्षक कार्यालय से सीधी ब्ब्ज्छै में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने की सुविधा उपलब्ध कराई गई। माह जून, 2019 से लागू इस व्यवस्था के अंतर्गत वर्ष 2021 तक कुल 265 प्रकरण दर्ज हुए हैं।
    64. सी.सी.टी.एन.एस. के नए परिवाद मॉडयुल में एफ.आई.आर. से संबंधित किसी भी स्तर पर प्राप्त होने वाले समस्त परिवदों को सी.सी.टी.एन.एस. पर ऑनलाईन दर्ज करने एवं उन परिवदों को सी.सी.टी.एन.एस. पर ऑनलाईन दर्ज करने की व्यवस्था प्रारंभ की गई है एवं उस प्रकरण व उससे संबंधित परिवादों को 360 डिग्री व्यू के माध्यम से मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई हैं
    65. ैउंतज ैमंतबी पद थ्प्त् डवकनसम. ैड।त्ज् ैम्ब्त्ब्भ् सी.सी.टी.एन.एस. पर दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट में से थ्प्त् ब्वदजमदज ( मजमून ) से किसी भी ॅवतकए च्ीतंेमए ज्ञमलइवतक को सर्च किया जा सकता है। इसमें चार प्रकार के सर्च सुविधा उपलब्ध है।
    66. ैमंतबी ॅवतकः- किसी भी कीवर्ड जैसे बजरी, हत्या के द्वारा म्गंबज ैमंतबी किया जा सकता है।
    67. ैमंतबी ंसस ॅवतकः- इसमें समस्त शब्द को सर्च किया जा सकता है। उदाहरण के लिए बजरी ट्रेक्टी को सर्च करने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट में जहां – जहां बजरी अथवा ट्रेक्टर आयेगा सभी को सर्च करेगा।
    68. च्ीतंेम ैमंतबी: इसमें किसी भी च्ीतंेम द्वारा सर्च किया जा सकता है। ‘तलवार से हत्या‘‘ सर्च करने पर जहां जहां भी ‘‘तलवार से हत्या‘‘ च्ीतंेम होगा, समस्त एफआईआर प्रदर्शित होगी।
    69. च्ीवदमजपब ैमंतबीः इसमें हत्या को सर्च करने पर हत्या से संबंधित समस्त प्रथम सूचना प्रदर्शित होगी।
    70. राज्य विशेष शाखा द्वारा पारपत्र आवेदन जांचों को आनलाईन ‘‘एम पासपोर्ट पुलिस एप‘‘ द्वारा पेपरलैस किया जा चुका है।
    71. आलोच्य अवधि में पासपोर्ट सत्यापन के कुल 1,75,220 शस्त्र अनुज्ञा-1369 एवं सेवा संबंधी 12,137 मामलों में निश्चित समयावधि में सत्यापन कार्य पूर्ण किया गया।
    72. उपनिरीक्षक पुलिस/प्लाटून कमाण्डर सीधी भर्ती वर्ष 2016 के विज्ञप्ति 511 पदों के विरूद्ध 497 अभ्यार्थियों को नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है जो वर्तमान में राजस्थान पुलिस अकादमी, जयपुर में प्रशिक्षिणाधीन है।
    73. कानि. भर्ती 2019 के 5438 पदों के विरूद्ध 4748 अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है।
    74. उप निरीक्षक पुलिस/कम्पनी कमाण्डर 497 एवं कानिस्टेबल के 4748 पदों पर भर्तियां की गई है।
    75. पुलिस विभाग में दिनांक 01.01.2021 से 07.01.2022 तक हैड कानि. से पुलिस निरीक्षक (विषेष पदोन्नति सहित) एवं मंत्रालयिक संवर्ग तक के पदों पर कुल 3228 कर्मचारियों/अधिकारियों को पदोन्नति दी गई।
    76. राज्य में संचार व्यवस्था के उन्नयन एवं डार्क जोन (संचार बाधित क्षेत्र) समस्या के निवारण हेतु 53 चिन्हित स्थानों में से 46 स्थानों पर 100/150 फीट ऊंचाई के टावर्स लगाकर समस्या का निराकरण कर दिया गया है। वर्तमान वित्तिय वर्ष में 04 स्थानों पर टावर लगाये की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है जिसमें बजट राशि 56 लाख रूपये व्यय होने का अनुमान है।
    77. वर्ष 2021 में राजस्थान पुलिस के 11 प्रशिक्षण संस्थानों, जिला शिक्षण संस्थानों, देश के प्रीमियर प्रशिक्षण संस्थानों तथा अन्य विभागों के प्रशिक्षण संस्थानों में राजस्थान पुलिस के 31940 अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिलवाया गया।
    78. गृह विभाग राजस्थान सरकार द्वारा 05.11.2019 को थाने में पदस्थापित कानिस्टेबल (आरक्षी) को 2 वर्ष तक के कारावास से दण्डनीय अपराधों के अनुसंधानों हेतु अधिकृत किया जिसकी पालना में चयनित 4841 कानिस्टेबलों में से 4063 कानिस्टेबलों को प्रशिक्षित किया गया। जिन्हे वर्ष 2021 में 3654 प्रकरणों में अनुसंधान दिया गया।
    79. 8 से 15 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले 104 अधिकारियों को वर्ष 2021 में मिड केरियर प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
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