प्राइवेट क्षेत्र में आरक्षण के लिए आंदोलन की जरूरत:कुलस्ते – आदिवासियों को अपने हकों की लड़ाई सामूहिक रूप से लड़नी होगी -पदोन्नति व बैकलॉग भरने की प्रक्रिया पर जताई चिंता जयपुर।

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जयपुर 21 दिसम्बर 2021।(निक सामाजिकत)।केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा है कि प्राइवेट क्षेत्र में आरक्षण के लिए मूवमेंट खड़ा करना चाहिए सरकारी कंपनियों का निजीकरण हो रहा है उनको लेकर सरकार कानून बनाती है तो रिजर्वेशन की व्यवस्था होनी चाहिए।

कुलस्ते मंगलवार को यहां बिड़ला सभागार में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के राष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित आदिवासियों को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहां की आदिवासियों को अपने हक के लिए आगे आना होगा। निजी क्षेत्र में सरकारी कंपनियां भी आ रही है, ऐसे में प्राइवेट क्षेत्र में आरक्षण के लिए आंदोलन की जरूरत है ।हमें आक्रामक रुख अपनाने की बात कहते हुए कहा कि नेताओं और राजनीतिक पार्टियों के कान तभी खुलेंगे जब हम लड़ाई लड़ेंगे। रिजर्वेशन खत्म हो जाए हो जाएगा तो कोई लाभ नहीं मिलेगा इसलिए सामूहिक रूप से लड़ना पड़ेगा।
कुलस्ते ने कहा कि वर्तमान में पदोन्नति, बैकलॉग भरने की चिंता करनी चाहिए। हमने बैंकलोग पर अन्य वर्गों की भर्ती पर आपत्ति जताते हुए संसदीय कमेटी के समक्ष चिंता जाहिर की है। वन क्षेत्र में जनजाति वर्ग को भू राजस्व अधिकार मिलने की बात उठाते हुए कहा कि आदिवासी वर्ग के लोगों को एक्टिव होकर काम करने की जरूरत है, न्यायालय में अगर हमारे खिलाफ कोई पीआईएल लगती है तो हमें उसमें पार्टी बनना चाहिए।

*चुनाव में ताकत दिखानी चाहिए*

    कुलस्ते ने कहा कि आदिवासी चुनाव में अपनी ताकत दिखाएं, जिससे राजनीतिक पार्टियों में संदेश जाएगी कि हमारे बिना आप की सरकार नहीं बनेगी, यह बात मुख्यमंत्री के जेहन में भी होनी चाहिए। एमपी – एमएलए सामूहिक रूप से एकजुट होकर अपनी ताकत दिखाएं। चुनाव में प्रयास करने की जरूरत है कि अच्छे लोग आए और हमारी समस्याओं को विधानसभा और लोकसभा में उठाएं।
    सम्मेलन में आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष के.सी. घुमरिया ने कुलस्ते का स्वागत करते हुए आदिवासी समस्याओं को लेकर प्रस्ताव रखा जिसमें मुख्य रूप से राजस्थान के टीएसपी क्षेत्रों में संविधान की 5वीं अनुसूची को प्रभावी रूप से लागू करें, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग को संवैधानिक शक्तियां प्रदान की जाए, जनजाति वर्ग के आरक्षित पदों के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाएं, राज्य में ट्राईबल एडवाइजरी कमेटी का गठन हो, प्राइवेट संस्थानों में आरक्षण प्रावधान लागू हो , भारतीय न्यायिक सेवा का गठन जिसमें एसटी,एससी को संवैधानिक आरक्षण मिले सहित 17 बिंदुओं पर प्रस्ताव पारित किया गया। सम्मेलन में सांसद अर्जुन लाल मीणा, पूर्व सांसद में राष्ट्रीय अध्यक्ष सोमजी भाई डामोर, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय महासचिव अरविंद नेताम, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवाजीराव मोघे, झारखंड की पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव , आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश कोषाध्यक्ष हनुमान सहाय सिरसी सहित देश भर के विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी विकास परिषद के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।