जयपुर 17 दिसम्बर 2021।(निक विशेष)पिरियोडीकल प्रेस ऑफ इंडिया (PPI) की ओर से सामाजिक सरोकार के तहत न्यायिक सेवा से सेवा निवृत्त हुए विद्वान एवं साहसिक निर्णय देकर समाज में मिसाल कायम करने के लिए विख्यात डॉ लक्ष्मण दत्त किराडू का भव्य अभिनन्दन समारोह आयोजित किया जा रहा है। पीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव राकेश प्रजापति एवं सचिव मधुभाई रामदेव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया।
इस अवसर पर सरस निकुंज के अलबेली माधुरी शरण महाराज,पीठाधीश्वर शुक सम्प्रदाय न्यायाधिपति गोवर्धन बाढदार,राजस्थान उच्च न्यायालय, जगदीश चन्द्रा,सीएमडी, फर्स्ट इंडिया चैनल, महावीर शर्मा, सचिव राजस्थान विधानसभा, अरूण जोशी, अतिरिक्त निदेशक, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, अजय पाल सिंह, पूर्व चैयरमैन, राजस्थान आवासन मण्डल, एवं डॉ सुरेंद्र शर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, पीरियोडिकल प्रेस ऑफ इंडिया कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। साथ ही अन्य कई संस्थाओं की ओर से से भी डा एल डी किराडू का नागरिक अभिनंदन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि
ब्राह्मण रत्न डॉ. एल.डी. किराडू एक सामान्य शिक्षक परिवार के बीकानेर वासी सपूत जिनके पिता शिक्षक थे। इसलिए प्रारम्भिक जिम्मेदारियों के कारण सर्वप्रथम 1980 से बैंक, न्यायिक कर्मचारी, लेखासेवा के पश्चात वर्ष 1993 में सर्वप्रथम न्यायिक अधिकारी के पद पर नियुक्ति प्राप्त कर करीब 42 वर्ष की सरकारी सेवा के पश्चात सेवानिवृत हुए है। इनकी सम्पूर्ण न्यायिक सेवा एक निर्भिक निडर व साहसिक, ऐतिहासिक फैसलों के कारण हमेशा ही आप जनता में चर्चित रहे। मीडिया ने भी इनके कार्यो की हमेशा सराहना की है।
इनके द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण प्रकरणों की सुनवाई व निर्णयों में सलमान खान हिरण प्रकरण, हिन्दुस्तान पाकिस्तान सीमावर्ती जमीन की रजिस्ट्रीयां निरस्त कर हजारों बीघा जमीन सरकारी खाते में डालने के मामले, जयपुर सिरियल बम ब्लास्ट के प्रकरणों की सुनवाई, सिकन्दर उर्फ जीवाणु प्रकरण के फैसले किये। न्यायिक सेवा में रहते हुए विधि सम्मत फैसले किये जो आज भी नजीर है। सभी ऐतिहासिक महत्वपूर्ण न्यायिक कार्य के कारण सोशल मीडिया पर विशेषकर गूगल सर्च इंजन पर डॉक्टर एल डी किराडू नाम से प्रसिद्ध हो गए ।सामाजिक सरोकार के तहत पिरियोडीकल प्रेस ऑफ इंडिया (पीपीआई) ने निभाया दायित्व :
उन्होंने बताया कि न्यायिक सेवा में रहते हुए पी.एच.डी., एम.एस. डब्ल्यू व एम.ए. साईक्लोजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों का भी अध्ययन किया।
अब भी सेवानिवृत न मानकर अपना सम्पूर्ण बकाया जीवन हाईकोर्ट के साथ सुप्रीम कोर्ट तक सर्व समाज के सर्वागिण विकास के लिए सामाजिक सेवाकार्य के लिए नि:शुल्क परामर्श का कार्य करने का संकल्प लिया है।