जयपुर 5 दिसम्बर 2021।(निक न्यायिक)सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश श्री अजय रस्तोगी से राजस्थान हाईकोर्ट सीनियर लॉयर्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व पारिवारिक न्यायालय के संयोजक पूनम चंद भंडारी, अध्यक्ष डी एस शेखावत, महासचिव विष्णु शर्मा, अधिवक्ता राकेश चंदेल व नईम ने भेंट की और न्यायालय की समस्याओं के बारे में और पारिवारिक न्यायालय के बारे में बातचीत की।
रस्तोगी ने पारिवारिक न्यायालय के बारे में पूरी जानकारी दी और पारिवारिक न्यायालय की बिल्डिंग बनाने के लिए अनेक सुझाव दिए और अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो परिवारिक न्यायालय का भवन बना है। उसको देख कर और राजस्थान के अच्छे आर्किटेक्ट से नक्शा बनवाएं इन बातों का ध्यान रखें कि पारिवारिक न्यायालय बिल्कुल परिवार की तरह से लगे भंडारी ने उन से चर्चा करते हुए कहा कि आरजेएस में यूपी हरियाणा दिल्ली बिहार के छात्र ज्यादा चयनित हो रहे हैं। तकरीबन 20 से 25% आरजेएस की नौकरियां राजस्थान से बाहर के लोगों को मिल रही है जो चिंता का विषय है क्योंकि राजस्थान के बाहर राज्यों में राजस्थान के लोगों का चयन बिल्कुल नहीं होता है और वहां पर उन्होंने स्थानीय भाषा की जानकारी की अनिवार्यता होने के कारण राजस्थान के लोगों का चयन नहीं होता है।
महाराष्ट्र में मराठी, गुजरात में गुजराती, पंजाब में गुरुमुखी मद्रास में तमिल आदि स्थानीय भाषाओं का पेपर होता है। जिसके कारण से राजस्थान के लोग वहां पर नौकरी नहीं पा सकते हैं। लेकिन राजस्थान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है इसलिए ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि राजस्थान के लोगों का ही चयन हो अथवा जितनी नौकरियां बाहर के प्रदेश के लोगों को मिलती है उतना ही कोटा राजस्थान का भी अन्य राज्यों में होना चाहिए इसके अलावा बाहर के लोग चयनित होते हैं ऐसा जानकारी में आया है कि उनकी पोस्टिंग भी जयपुर दिल्ली जोधपुर अलवर के आसपास होती है ताकि वह अपने गृह प्रदेश में आसानी से जा सके। जबकि राजस्थान के लोगों को उनके गृह जिले के आसपास इसी कारण से नियुक्तियां वह स्थानांतरण नहीं होते हैं। रस्तोगी ने कहा कि पारिवारिक न्यायालय जल्दी-जल्दी निर्मित हो ताकि लोगों को सुलभ न्याय मिल सके पारिवारिक न्यायालय के अध्यक्ष डी एस शेखावत ने कहा कि आप भी हमारी मदद कीजिए कि जल्दी से जल्दी सरकार इस भवन का निर्माण करवाएं।