सुनहरी कोठी मामला पहुंचा हाईकोर्ट,, सभी पक्षकारों को जारी हुए नोटिस,,

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जयपुर 10 अक्टूबर 2021।(निक विधि) टोंक नवाब की सुनहरी कोठी के मालिकाना हक की लड़ाई अब हाई कोर्ट तक पहुंच गई है।हाई कोर्ट के अधिवक्ता मोहित बलवदा ने बताया की सरकार ने 1995 में कोठी को भूमि अधिग्रहण करते हुए अपने कब्जे में ले लिया था और कब्जे में लेते हुए उनके वारिसो के लिए लगभग 95 लाख रुपए का मुआवजा तय कर दिया था।इस मुआवजा राशि के खिलाफ और मालिकाना हक के लिए 5 वारीसो ने अलग अलग टोंक कोर्ट का दरवाजा खटखटाया ये कहते हुए की सरकार ने जो मुआवजा राशि तय की है वो कम है इसे बढ़ाना चाहिए और सबने कहा की इस पर सिर्फ अकेले हमारा ही मालिकाना अधिकार है और ये मुआवजा हमे मिलना चाहिए।

इस पर कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा की किसी का भी उतराधिकारी प्रमाण पत्र सही नही लग रहा है अतः जब तक कोई पार्टी विधिक वारिसनामा ले कर नही आती है तब तक मुआवजा राशि सरकार के अधिग्रहण में ही रहेंगी।इस फैसले के खिलाफ नवाब आफताब अली खान ने अधिवक्ता मोहित बलवदा और अधिवक्ता ईशान मिश्रा के जरिए अपील करते हुए हाई कोर्ट पहुंच गए।अधिवक्ता मोहित बलवदा ने दलील देते हुए कहा की सरकार ने जो मुआवजा राशि जो तय करी वो बहुत ही कम है इसे बढ़ाना चाहिए और इस सुनहरी कोठी के इकलौते वारिस नवाब आफताब अली खान ही है।

    अधिवक्ता मोहित बलवदा की दलीलों पर न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किए।