जयपुर 6 अक्टूबर 2021।(निक विशेष)भट्टाबस्ती थाना शास्त्रीनगर थाना प्रभारी और बीट प्रभारी हाईकोर्ट के किसी भी फैसले की सर्टीफाइड कॉपी को मानने से पिछले दो माह से लगातार इनकार करते आ रहे हैं जो कि कमिश्नर प्रणाली नियम 2005 के बीट प्रभारी नियमों का खुला उल्लंघन है
मामला इस प्रकार है
एक युवक पर धारा 498A का मुकदमा चल रहा था उसमें राजीनामा दिसंबर में हो गया था लेकिन निचली अदालत को 498A को क्वैस करने का अधिकार नहीं होता अत: प्रार्थी ने हाईकोर्ट में अपील की ओर मार्च 2021 में एफआईआर क्वैस हो गई जिसकी नकल निचली अदालत में देकर वहां से मुकदमा खत्म कर दिया
दोनों पति पत्नी को मार्च में ही तलाक की डिग्री मिल गई
अब मूल प्रार्थी अगस्त 2021 में पासपोर्ट रिन्यू होने के लिए थाने से वैरीफिकेशन मांगा तो कमिश्नर बीट प्रभारी पार्थी के घर आए तब प्रार्थी ने हाईकोर्ट से एफआईआर क्वैस होने एवम् निचली अदालत से दोषमुक्त होने के सभी कागजों की सर्टीफाइड कॉपी दिखाई , दो पड़ोसियों के गवाह के रुप में दस्खत करा दिए और ख़ुद के हस्ताक्षरों से युक्त कॉपी बीट प्रभारी को देकर जानकारी से अवगत करा दिया
लेकिन इसके बावजूद बीट प्रभारी की अनुशंसा पर थाना प्रभारी ने जो रिपोर्ट पास्पोर्ट कार्यालय को भेजी उसमें प्रार्थी धारा 498A , 323 , 406 में मुक़दमा लंबित बताया जिसके आधार पर पास्पोर्ट कार्यालय ने प्रार्थी से भ्रामक जानकारी देने का आरोप लगाया और निवेदन करने पर एक मौका और दियाजिस पर प्रार्थी के घर पुन: पुलिस छानबीन करने आई तो प्रार्थी ने हाईकोर्ट से प्राप्त सभी कागज़ दिखा पुन: सत्यापित प्रति दे दी
लेकिन बीट प्रभारी का कहना है कि हाईकोर्ट को इस बाबत एक कॉपी थानाधिकारी को भेजनी चाहिए थी जब तक हाईकोर्ट थानाधिकारी को सीधी कॉपी आपके केस के क्वैस होने की नहीं भेजेगा तब हमारे रिकॉर्ड में आपके नाम पर मुक़दमा लंबित ही बताया जाता रहेगा …
वैसे तो यह हाईकोर्ट की खुली अवमानना है लेकिन प्रार्थी सरकारी कर्मचारी है और मिन्नतों से ही काम बनाने में डेढ़ माह से लगा हुआ है
पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव से निवेदन है कि कमिश्नर प्रणाली नियम 2005 की जानकारी नहीं रखने वाले ऐसे बीट प्रभारियों के खिलाफ़ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए ताकी आमजन का समय बच सके..!!