सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में निजी विद्यालयों को दिया सुप्रीम झटका। निजी विद्यालयों की मांग माने जाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार।

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जयपुर 2 अक्टूबर 2021।(निक शिक्षा)निजी स्कूलों की फीस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जस्टिस ए.एम खानविलकर की बेंच ने सुनाया अहम फैसला|पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षकारों को जारी किया था नोटिस|
राजस्थान अभिभावक संघ के अध्यक्ष एवं यूनाइटेड वॉइस फॉर एजुकेशन फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुशील शर्मा थे अभिभावकों की ओर से एकमात्र पक्षकार।

सोसायटी ऑफ कैथोलिक एजुकेशन इंस्टिट्यूट की याचिका के विरोध में राजस्थान अभिभावक संघ ने प्रस्तुत किया था विस्तृत जवाब|
गौरतलब है कि निजी स्कूलों ने याचिका लगाकर मांग की थी कि 03 मई 2021 को दिए आदेश को बदला जाए, जिसे करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं परीक्षाओं आदि से वंचित ना करने के आदेश को रखा बरकरार रखते हुए अभिभावकों द्वारा फ़ीस नहीं चुकाने की स्थिति में स्कूलों को फ़ीस वसूली के लिए क़ानूनी प्रावधानों के तहत फीस वसूली करने को स्वतंत्र किया।

    इसके अतिरिक्त सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों की मांग के खिलाफ fees act 2016 की वैधानिकता एवं स्कूलों द्वारा फीस निर्धारण के लिए अधिनियम की पालना को भी बरकरार रखा है।
    सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार फीस एक्ट के अनुसार तय नही की गई फीस की शिकायत भी ब्लॉक, जिला एवं शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री को की जा सकेगी एवं अभिभावकों के पास कानूनी विकल्प भी उपलब्ध रहेगा।