जयपुर 2 अप्रैल 2021।(निक विशेष) लगभग 25 साल से अधिक एक दैनिक में पत्रकारिता कर रहे राम स्वरूप वर्मा बीमार क्या हुए उन्होंने पत्रकार जगत की अनकही दास्तान बयाँ करदी।
राम स्वरूप जो एक प्रतिष्ठित दैनिक में वर्षों से काम कर रहें है और धर्म और समाज की खबरों को अपने समाचार पत्र में प्रमुखता से प्रकाशित करतें हैं लेकिन लगभग एक महीने से गम्भीर बीमारी के चलते बमुश्किल अपने इलाज और घर खर्च चला रहे है । लेकिन एक आध को छोडकर कोई भी धार्मिक व सामाजिक संस्थान ने अभी तक कोई सुध तक नहीं ली है। क्या यही मानवता का धर्म है? क्या यही हमारा सामाजिक ढांचा है ?
राम स्वरूप ने पीपीआई के सदस्यों को रुआंसे मन से बताया कि शायद इस माह की तनख्वाह का चैक भी ना मिले । क्यों कि 25 साल की नौकरी करने के बाद भी संस्थान की तरफ से नियुक्ति पत्र आदि कोई प्रमाणिक पत्र अभी तक उन्हें नहीं मिला है।
यह गम्भीर सोच का विषय है ।आज अकेले राम स्वरूप ऐसे पत्रकार नहीं है लगभग 70 प्रतिशत पत्रकारो का हाल यही है। कल को किसी अन्य पत्रकार के साथ कोई दुर्घटना हो जाए या वह गम्भीर बीमारी से पीडित हो जाये तो प्रबंधन के पल्ला झाड़ने के बाद उसके पास कुछ बचता नहीं है।
जैसा कि आपको मालूम है सर्व प्रथम पीपीआई संगठन ने इस बात को सार्वजनिक किया था ।
उस के बाद कुछ समाजिक संगठनों ने आश्वासन दिया था पर अभी तक बीमार पत्रकार से किसी ने सम्पर्क नहीं साधा।
पीपीआई प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने स्वयं के खर्च मे से पत्रम पुष्पम भेट कर सामाजिक सरोकारों के महत्व को समझाने का प्रयास किया है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुरेन्द्र शर्मा के निवास पर इस सन्दर्भ में चर्चा हुई जिसमें राष्ट्रीय महासचिव राकेश प्रजापति, प्रदेश अध्यक्ष सन्नी आत्रेय व वरिष्ठ पत्रकार अनिल यादव मौजूद रहे।
चर्चा में यह निर्णय लिया है की पीपीआई दैनिक समाचारपत्र के प्रबंधन से इस बाबत बात करेगी साथ ही सरकार से समाचार पत्र समूहों के इस रवैये पर,बिना नियुक्ति पत्र के पत्रकारों से काम लेने वाले समूहों पर कार्रवाई करने की मांग भी करेगी।