जयपुर 6 जनवरी 2021।(निक क्राइम) भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो महानिदेशक, भगवान लाल सोनी ने बुधवार को ब्यूरो मुख्यालय में एसीबी के वर्ष 2020 का वार्षिक प्रतिवेदन बताते हुए कहा कि एसीबी द्वारा ट्रेप के कुल 253 प्रकरण दर्ज किए गए, इनमें 64 प्रकरण राजपत्रित अधिकारीगण एवं 186 प्रकरण अराजपत्रित कर्मचारीगण एवं 3 प्रकरण प्राईवेट व्यक्तियों के विरूद्ध दर्ज कर कुल 351 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। उक्त प्रकरणों में राजस्व, पुलिस, पंचायत, उर्जा, स्वायत्त शासन विभाग, चिकित्सा आदि प्रमुख है।
रिश्वत मांग के कुल 60 प्रकरण दर्ज किए गए जिनमें 6 प्रकरण राजपत्रित अधिकारीगण, 53 प्रकरण अराजपत्रित कर्मचारीगण एवं 1 प्रकरण प्राईवेट व्यक्ति के विरूद्ध दर्ज किया गया। उक्त प्रकरणों में पुलिस, पंचायत, राजस्व, उर्जा एवं स्वायत्त शासन विभाग आदि प्रमुख हैं।
पद के दुरूपयोग के कुल 34 प्रकरण दर्ज किए गए जिनमें 15 प्रकरण राजपत्रित अधिकारीगण, 18 प्रकरण अराजपत्रित कर्मचारीगण एवं 1 प्रकरण प्राईवेट व्यक्ति के विरूद्ध दर्ज किया गया। उक्त प्रकरणों में पंचायत, नगरीय विकास, शिक्षा, खान एवं राजस्व विभाग आदि प्रमुख है।
•आय से अधिक सम्पत्ति के कुल 16 प्रकरण दर्ज किए गए जिनमें 8 प्रकरण राजपत्रित अधिकारीगण एवं 8 प्रकरण अराजपत्रित कर्मचारीगण के विरूद्ध दर्ज किये गए। उक्त प्रकरणों में राजस्व, पुलिस, स्वायत्त शासन, परिवहन आदि प्रमुख हैं।
ब्यूरो में वर्ष में कुल 363 प्रकरण दर्ज किए गए, इन प्रकरणों में 253 ट्रेप 60 रिश्वत की मांग, 34 पद के दुरूपयोग तथा 16 आय से अधिक सम्पत्ति के प्रकरण दर्ज किए गए। उक्त प्रकरणों में राजस्व, पुलिस, पंचायत, उर्जा, स्वायत्त शासन विभाग, चिकित्सा आदि प्रमुख है। सर्वाधिक 59 प्रकरण पंचायती राज विभाग, 57 प्रकरण राजस्व, 57 प्रकरण पुलिस विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध दर्ज किए गए हैं।
•वर्ष में भारत सरकार के 18 अधिकारियों के विरूद्ध भी राज्य ब्यूरो द्वारा कार्यवाही की गई है।*ब्यूरो द्वारा बडे़ पैमाने पर संस्थागत भ्रष्टाचार के विरूद्ध की गई कार्यवाही*
*परिवहन विभाग में संगठित भ्रष्टाचार*
•परिवहन विभाग में व्यापक भ्रष्टाचार की सूचनाएं प्राप्त होने पर ब्यूरो द्वारा दिनांक 16.02.2020 को दलाल श्री मनीष मिश्रा द्वारा परिवहन निरीक्षक श्री उदयवीर सिंह को दी गई 40,000 रूपये की राशि को आकस्मिक चैकिंग के दौरान बरामद किया गया साथ ही ब्यूरो की विभिन्न टीमों द्वारा परिवहन अधिकारियों/संदिग्ध दलालों/प्राईवेट व्यक्तियों के ठिकानों पर आकस्मिक चैकिंग/खाना तलाशी की जाकर नकद राशि/मोबाईल फोन/संदिग्ध रिकार्ड इत्यादि जब्त किए गए। लगभग एक करोड बीस लाख रूपये विभिन्न तलाशियों में प्राप्त हुए।
•परिवहन विभाग की रतनपुरा चैक पोस्ट जिला डंूगरपुर द्वारा वाहनों से चालान एवं जुर्माने का भय दिखाते हुए संगठित रूप से अवैध वसूली की सूचना मिलने पर ब्यूरो द्वारा आकस्मिक चैकिंग की कार्यवाही करते हुए 2,15,890/- रूपये की अधिक राशि जब्त की गई एवं श्री अनिल माथुर, जिला परिवहन अधिकारी, कर संग्रह केन्द्र रतनपुरा, श्री हेम सिंह, परिवहन निरीक्षक, श्री राजेश पाठक, परिवहन निरीक्षक, श्री गौरव सक्सेना, परिवहन निरीक्षक, श्री छगन, परिवहन उप निरीक्षक एवं अन्य के विरूद्ध अभियोग पंजीबद्ध किया गया।
*महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय में संगठित भ्रष्टाचार*
डॉ0 रामपाल सिंह, कुलपति महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर द्वारा परीक्षा केन्द्र आवंटन के लिए परिवादी से 2,20,000/- रूपये की रिश्वत राशि अपने ड्राईवर/सुरक्षाकर्मी (संविदाकर्मी) के माध्यम से प्राप्त करने पर गिरफ्तार किया गया।
*रसद विभाग कोटा में संगठित भ्रष्टाचार*
रसद विभाग के अधिकारियों द्वारा राशन डीलरांे से मिलीभगत कर कोटा नगर निगम क्षेत्र में सितम्बर 2016 से जून 2017 तक 44,920 क्विण्टल गेहूॅ का अधिक आवंटन कर खुर्दबुर्द करवाकर स्वयं लाभ प्राप्त किए जाने की सूचना पर आकस्मिक चैकिंग करते हुए श्री अशोक कुमार मीणा, तत्कालीन जिला रसद अधिकारी एवं अन्य के विरूद्ध अभियोग दर्ज किया गया।
भ्रष्टाचार से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण प्रकरण* –
ब्यूरो द्वारा सूत्र सूचना के आधार पर राज0 राज्य सड़क विकास निगम से संबंधित सड़क निर्माण, आरओबी, देखरेख के ठेकों में संबंधित ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर अतिरिक्त कार्य दिखाते हुए ठेकेदारों के बिलों की राशि उनके चाहे अनुसार बनाई जाकर इस कृत्य की एवज में नियमित रिश्वत राशि प्राप्त की जा रही है। ब्यूरो द्वारा तकनीकी आसूचना पर कार्यवाही करते हुए श्री लक्ष्मण सिंह, परियोजना निदेशक, आरएसआरडीसी, बीकानेर एवं श्री राजन (संवेदक) को 3,65,000/- रू की रिश्वत राशि का लेनदेन करते हुए गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में कार्यवाही की गई।
प्रमोद शर्मा प्राईवेट व्यक्ति को चन्द्रप्रकाश पुलिस निरीक्षक से 5,00,000/- रूपये की रिश्वत राशि लक्ष्मण गौड़, उप महानिरीक्षक पुलिस के नाम से मांग कर प्राप्त करने पर रंगे हाथों गिरफ्तार कर अभियोग पंजीबद्ध किया गया।
परिवादी से उसके विरूद्ध एसओजी में दर्ज शिकायत में कार्यवाही नहीं करने के नाम पर श्री सत्यपाल मिढ्ढा, अति0 पुलिस अधीक्षक द्वारा दो करोड़ रू की रिश्वत की मांग अपने व अपने उच्च अधिकारियों के नाम पर की, जिस पर अभियोग दर्ज किया गया।
आरोपी आबिद खान, वित्तीय सलाहकार, नगर निगम उदयपुर एवं अन्य को परिवादी प्रवीण पुरोहित से 2,00,000/- रू. रिश्वत लेते हुए दिनांक 10.07.2020 को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
परिवादी से मनोज गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, तृतीय कार्यालय आवासन मण्डल, जयपुर द्वारा ईडब्ल्यूएस डी 1 का रजिस्टेªशन के लिए 25,000/- रूपये की मांग कर प्राप्त करने पर गिरफ्तार कर अभियोग पंजीबद्ध किया गया।
अमृतलाल जीनगर, अति0 पुलिस अधीक्षक, रायसिंह नगर जिला गंगानगर को परिवादी से उसके विरूद्ध दर्ज अभियोग में सहायता करने के लिए 1,00,000/- रूपये की रिश्वत राशि दलाल के माध्यम से प्राप्त करने पर गिरफ्तार कर अभियोग पंजीबद्ध किया गया।
आरोपी पंकज कुमार मंगल, अधिशाषी अधिकारी, नगर पालिका रामगंजमण्डी, कोटा एवं अन्य कोे परिवादी से 1,00,000/- रू. रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
आरोपी श्री गिर्राज सिंह चाहर, संविदाकर्मी, एजीएम एवं श्री अशोक कुमार वर्मा, डीजीएम, आरपीएचसीसीएल, पुलिस मुख्यालय, जयपुर को परिवादी की शिकायत पर 1,26,000 रू. रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
श्री पंकज गोयल, सहायक महानिदेशक, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, क्षेत्रीय कार्यालय दिल्ली इलेक्ट्रोनिकी एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार को परिवादी के आधार कियोस्क खोलने के आवेदनों की स्वीकृति जारी करने की एवज में 1,00,000/- रूपये की रिश्वत राशि प्राप्त करने पर गिरफ्तार कर अभियोग पंजीबद्ध किया गया।
नरेशचन्द मीणा, कानि0, पुलिस थाना जवाहर नगर, जिला गंगानगर को परिवादी को थाने पर दर्ज एनडीपीएस के अभियोग में आरोपी नहीं बनाने की एवज में दस लाख रूपये की रिश्वत राशि लेते हुए में रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में थानाधिकारी श्री राजेश सियाग, पुलिस निरीक्षक फरार है जिसकी तलाश की जा रही है।
सीताराम वर्मा, सीनीयर टेक्नीकल आफीसर कार्यालय मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एवं हाईवे डीसीएम एवं श्री दान सिंह, अस्टिेन्ट एक्जीक्यूटिव इंजिनियर मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एवं हाईवे डीसीएम जयपुर द्वारा परिवादी से पेट्रोल पम्प की एनओसी जारी करने की एवज में 50,000/- रूपये की राशि रिश्वत के रूप में प्राप्त करने पर गिरफ्तार कर अभियोग पंजीबद्ध किया गया।
परिवादी से उसकी फर्म को सीजीएसटी कार्यालय से जारी नोटिस पर कोई कार्यवाही नहीं करने की एवज में श्री सुनील, निरीक्षक एन्टी ईविजन, सीजीएसटी एवं श्री रामस्वरूप हाल अधीक्षक, एन्टी ईविजन, सीजीएसटी, जयपुर द्वारा 40,000/- रू रिश्वत प्राप्त करने पर गिरफ्तार किया गया।
आरोपी शेरसिंह, अधिशाषी अभियंता, नगर निगम हेरीटेज, जयपुर को परिवादी श्री राजेश दुरेजा, पु0नि0 की सूत्र सूचना पर 1,00,000/- रू. रिश्वत लेते हुए एवं रिश्वत देने वाले दलाल श्री गोविन्द अग्रवाल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
अनिल कुमार, सहायक अभियंता, नगर परिषद झुंझनूं अतिरिक्त प्रभार सूरजगढ़ एवं चिडावा ईओ को परिवादी की जमीन के पट्टे बनाने एवं 90 ए करने की एवज में 3,00,000 रूपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर अभियोग पंजीबद्ध किया गया।
प्रेमाराम परमार, सेवानिवृत्त आर.ए.एस., तत्कालीन आवंटन अधिकारी एवं अतिरिक्त आयुक्त उपनिवेशन, अपील द्वारा कृषि भूमि के आवंटन कर दलालों के माध्यम से पूर्व में आवंटित की गई भूमि की एवज में ईनाम के तौर पर 5,00,000/- रूपये रिश्वत राशि प्राप्त करने एवं रिश्वत देने वाले श्री नजीर खान, दलाल के साथ गिरफ्तार कर अभियोग पंजीबद्ध किया गया।
परिवादी से आरोपी प्रशांत सिंधे, उप निरीक्षक, थाना बोरावली, मुंबई एवं अन्य द्वारा उसके मकान पर किरायेदार रहे विनोद का पता बताने एवं नहीं बताने पर मुकदमें में फंसाने की धमकी देकर 1,00,000/- रू रिश्वत राशि प्राप्त करते हुए गिरफ्तार किया गया।
आरोपी रामेश्वर प्रसाद शर्मा, अधीक्षण अभियंता, नगर विकास न्यास, भीलवाडा के अपने अधिशाषी अभियंता एव सहायक अभियंता के साथ परिवादी की शिकायत पर 1,00,000/- रू. रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
परिवादी के इण्डियन ऑयल कॉरपोरेशन लि0 कंपनी के पेट्रोल पम्प की भूमि का लीज रिन्युअल आदेश करवाने की एवज में आरोपी श्री महावीर प्रसाद नागर, निजी सहायक, जिला कलेक्टर बारां द्वारा जिला कलेक्टर एवं स्वयं के लिए 2,40,000 रू की मांग की गई। मांग के अनुसरण में महावीर प्रसाद नागर, निजी सहायक को 1,40,000रू. रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। अनुसंधान के दौरान पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर श्री इन्द्र सिंह राव, तत्का0 कलक्टर बारां को गिरफ्तार किया गया जो अभी न्यायिक हिरासत में है।
भैंरूलाल, उप अधीक्षक पुलिस, भ्रनिब्यूरी चौकी, सवाईमाधोपुर द्वारा जिले में जिला परिवहन अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी एवं कुछ थानाधिकारियों से हर माह मासिक बंधी के रूप में रिश्वत राशि लेने की शिकायत प्राप्त होने पर गोपनीय सत्यापन कर कार्यवाही के अनुसरण में उप अधीक्षक पुलिस को आरोपी महेश चन्द्र मीणा, जिला परिवहन अधिकारी, सवाईमाधोपुर से 80,000 रू प्राप्त करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया जाकर उक्त दोनों अधिकारियों मधुसूदन सैनी, जिला आबकारी अधिकारी, सवाईमाधोपुर सुरेन्द्र कुमार, उप निरीक्षक पुलिस, थानाधिकारी, पुलिस थाना बाटोदा, जिला सवाईमाधोपुर एवं अन्य के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया।
भू अभिलेख निरीक्षक श्री लक्ष्मण सिंह, पटवार सर्किल सत्याया तहसील पोकरण जिला जैसलमेर को सात हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों 31 दिसम्बर 2020 को गिरफ्तार किया गया, जिसके आवास पर तलाशी में 58.5 लाख रूपये नगद मिले।*माननीय एसीबी न्यायालय द्वारा वर्ष 2020 में निस्तारित प्रकरण*
वर्ष में कुल 56 प्रकरणों में विभिन्न न्यायालयों द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत कुल 71 आरोपीगणों को सजा सुनाई गई जिनमें 61 लोक सेवक एवं 10 प्राईवेट व्यक्ति हैं। लोक सेवकों में से 6 राजपत्रित अधिकारी एवं 55 अराजपत्रित कर्मचारी हैं। कुल सजायाबी प्रतिशत 52.83 प्रतिशत रहा है। महत्वपूर्ण प्रकरण जिनमें आरोपीगण को सजा हुई:-
मोहनलाल स्वर्णकार, सहायक वाणिज्य कर अधिकारी, कोटा को न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, कोटा द्वारा धारा 13(1)(ई) 13(2) पीसी एक्ट 1988 में 5 वर्ष के कठोर कारावास एवं 50,00,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है, अदम अदायगी 1 वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतेगा। 20,12,513/-रूपये की अवैध आय की सम्पति जप्त सरकार की गई एवं आरोपी द्वारा अर्जित परिसम्पतियाँ (1) भू-खण्ड संख्या 55 सेेठ भामाशाह मंडी कोटा (मय निर्मित परिसर) (2) भू-खण्ड सख्ंया 12 इन्द्रप्रस्थ, इन्डस्टीªयल एरिया कोटा (मय निर्मित परिसर) एव
श्रीमति गीता देवी, अध्यक्षा, नगर पालिका मण्डल, आबूरोड को न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम पाली द्वारा धारा 7 पीसी एक्ट 1988 में 1 वर्ष के साधारण कारावास एवं 25,000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है एवं धारा 13(1)(डी) 13(2) पीसी एक्ट 1988 में 3 वर्ष के साधारण कारावास एवं 50,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। अदम अदायगी क्रमशः 3 माह व 1 वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतने के दण्ड से दण्डित किया गया है।
चन्द्रभान जाखड, सीटीओ वाणिज्यिक कर विभाग, एन्टीवीजन वाणिज्य कर विभाग हनुमानगढ़ को न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, गंगानगर द्वारा धारा 7 पीसी एक्ट 1988 में 2 वर्ष के कठोर कारावास एवं 20,000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है एवं धारा 13(1)(डी) 13(2) पीसी एक्ट 1988 में 2 वर्ष के कठोर कारावास एवं 20,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है, अदम अदायगी क्रमशः 3 व 3 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतेगा।
आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवादज्ञानचन्द व्यास, विकास अधिकारी, पंचायत समिति तालेडा, जिला बंूदी को न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, कोटा द्वारा धारा 7 पीसी एक्ट 1988 में 3 वर्ष के कठोर कारावास एवं 20,000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है एवं धारा 13(1)(डी) 13(2) पीसी एक्ट 1988 में 5 वर्ष के कठोर कारावास एवं 40,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
गेहरी लाल शर्मा, श्रम कल्याण अधिकारी एवं अमर सिंह खींची, श्रम निरीक्षक दोनों श्रम विभाग बारां को न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, कोटा द्वारा 120 बी भादस में 6 माह के साधारण कारावास से दण्डित किया गया है, धारा 13(1)(ई) 13(2) पीसी एक्ट 1988 में 3-3 वर्ष के कठोर कारावास एवं 20-20 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।एसीबी द्वारा भविष्य में ‘‘केस ऑफिसर स्कीम’’ अपनाई जाकर सजा का प्रतिशत बढ़ाने के प्रयास किये जाने की योजना है।
*निवेदन*
एसीबी राजस्थान समस्त प्रदेश वासियों को नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ निवेदन करता है, कि भ्रष्टाचार की इस गम्भीर समस्या के खिलाफ आप हमारे साथ आएं तथा अपनी गाढ़ी कमाई को रिश्वतखोरों को न लुटाएं। यदि राज्य सरकार या केन्द्र सरकार का कोई कर्मी/अधिकारी आपसे रिश्वत की मांग करे तो 1064 हैल्पलाईन पर शिकायत करें या व्हाट्स एप नम्बर 94135-02834 पर टैक्स्ट मैसेज, ऑडियो या वीडियो संदेश से अपनी शिकायत भेजें। आपकी शिकायत पर ब्यूरो आपसे तत्काल सम्पर्क कर, सत्यापन कर भ्रष्ट अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा तथा आपका वैध कार्य पूरा कराने में पूर्ण सहयोग करेगा। शिकायतकर्ता के चाहने पर उसकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी। भ्रष्टाचार के विरूद्ध सूचना देकर भ्रष्ट कर्मी को पकड़वाने पर एसीबी आपका जायज कार्य करवाने में पूर्ण सहयोग करेगा व राज्य सरकार ने इस विषय पर सभी विभागों को सहयोग करने के स्पष्ट निर्देश दिये हैं जिसकी पालना उच्चतम स्तर पर सुनिश्चिित की जाएगी।