नेट-थियेट पर माण्ड गायकी के विभिन्न स्वरूपों को झलकाया,

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जयपुर 5 दिसम्बर 2020।(निक सांस्कृतिक) नेट-थियेट कार्यक्रम की श्रृंखला में शनिवार को राजस्थान के सुप्रसिद्ध गायक पं. गोपाल खींची ने राजस्थान के विभिन्न राजघरानो की माण्ड गायकी प्रस्तुत कर लोगों को रिझाया।
नेट-थियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि माण्ड गायक पं. गोपाल खींची ने अपने गायन की शुरुआत राजस्थान की प्रसिद्ध माण्ड ” *केसरिया बालम आवो नी पधारो म्हारे देस*” से कर माहौल को संगीतमयी बना दिया। इसके पश्चात उन्होंने शेखवाटी माण्ड “साहिना म्हाने एकलड़ी मत छोड़ो सा” की खूबसूरत अदायगी के साथ मेवाड़ की माण्ड में ” हेली नाव री असवारी सजना राणा आवे छे” प्रस्तुत की और अंत में मारवाड़ की “पाळ माथे पीपळी” गा कर मांड गायकी की छंटा बिखेरी।

इनके साथ नज़र खान ने खूबसूरत तबला संगत कर पं. गोपाल खींची की गायकी को परवान चढ़ाया।
मंच सज्जा विजय कुमावत व अंकित शर्मा नोनू की तथा प्रकाश व्यवस्था मनोज स्वामी, संगीत विष्णु कुमार जांगिड़ की रही।