जयपुर नगर निगम ग्रेटर वार्ड क्रमांक 150 ,कांग्रेस नेताओं से जनमानस की अपील,विजय शर्मा *किक्की* हो हमारा पार्षद,

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जयपुर 13 अक्टूबर 2020।(निक राजनीतिक)जयपुर नगर निगम के चुनाव हो रहे हैं। इस बार जयपुर नगर निगम को दो भागों में विभाजित कर दिया गया है। जयपुर ग्रेटर और जयपुर हेरिटेज।
इसके साथ ही वार्डों का परिसीमन भी हुआ है। जयपुर में नगर निगम चुनाव पहली बार नए स्वरूप में हो रहे हैं, क्योंकि यहां 2 नगर निगम हो गए हैं।
जयपुर ग्रेटर में 150 वार्ड हैं। बाकी वार्ड हेरिटेज में हैं। जयपुर हेरिटेज में 29 अक्टूबर को और ग्रेटर में एक नवंबर को मतदान होगा। बुधवार 14 अक्टूबर से नामांकन पत्र भरने का सिलसिला शुरू हो रहा है। कांग्रेस और भाजपा में उम्मीदवार तय करने की जद्दोजहद चल रही है।
जयपुर ग्रेटर में वार्डों के परिसीमन के फलस्वरूप बापू नगर दो भागों में विभाजित हो गया है, जिससे बापू नगर के लोगों में आश्चर्य है।

बापू नगर में ही अपना पूरा जीवन गुजारने वाले पत्रकार और सक्रिय कांग्रेस कार्यकर्ता विजय शर्मा किक्की वार्ड क्रमांक 150 से चुनाव लड़ना चाहते हैं। अब तक हमेशा स्वयंसेवक और कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते आए किक्की ने पहली बार उम्मीदवार के रूप में अपना आवेदन पार्टी के विभिन्न नेताओं को दिया है। उन्हें टिकट मिलना चाहिए। टिकट की घोषणा का इंतजार है।

विजय शर्मा किक्की पिछले छह महीनों से क्षेत्र में होमवर्क कर रहे हैं। कोरोना फैलने के बाद जब लॉकडाउन की घोषणा हुई थी, उसी दिन से उन्होंने क्षेत्र में मास्क का वितरण शुरू कर दिया था। वह जानते हैं कि उम्मीदवार की घोषणा होने के बाद चुनाव प्रचार के लिए सिर्फ दो-तीन हफ्ते मिलते हैं। यह समय किसी भी उम्मीदवार के लिए क्षेत्र में पैठ बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसलिए उन्होंने जमीनी तैयारी जारी रखी। कई लोग चुनाव लड़ने के लिए आचार संहिता की सीमा के अलावा अच्छा-खासा बजट रखते हैं। किक्की के पास ऐसा कोई बजट नहीं है, लेकिन क्षेत्र में उनका व्यक्तिगत संपर्क तगड़ा है।

कांग्रेस और भाजपा, दोनों पार्टियों में टिकट के दावेदारों की कतार है। पैसा, पहुंच, प्रभाव आदि का इस्तेमाल करते हुए टिकट चाहने वाले बहुत हैं, लेकिन उनमें से कई मतदाताओं के सुख-दुख बांटने में रुचि नहीं लेते। उन्हें सिर्फ चुनाव लड़ना होता है। जीतने पर जनता की सेवा को छोड़कर बहुत कुछ करना होता है। पार्षद से लेकर सांसद तक ऐसा वातावरण है। कांग्रेस में सिफारिशें बहुत चलती हैं। कई बार पहले से मालूम रहता है कि उम्मीदवार चुनाव हार जाएगा, फिर भी किसी न किसी की सिफारिश पर उसे टिकट दे दिया जाता है। टिकट तय करने वालों की समिति होती है और समिति के हर सदस्य के पास अपने-अपने चहेतों की सिफारिशें होती हैं। एक-एक वार्ड में औसतन कम से कम 10 दावेदार होते हैं।

विजय शर्मा किक्की के पास बिना सिफारिश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मंत्री रघु शर्मा, प्रताप सिंह खाचरियावास उन्हें जानते है।
वह सुबोध कॉलेज के छात्र रहते हुए छात्र राजनीति में सक्रिय हुए थे और बाद में छात्र संघ अध्यक्ष बने। रघु शर्मा और राजेन्द्र राठौड़ उनके समकालीन थे। बाद में परिस्थितिवश किक्की राजनीति में आगे नहीं बढ़े और कुछ वर्ष उन्होंने एक अखबार निकालकर पत्रकारिता को दिए। इस दौरान उन्होंने कई आंदोलनों में सक्रिय भूमिकाएं निभाई। प्रेस क्लब के भी डायरेक्टर रहे। अब उनके दोनों पुत्र अच्छी तरह सैटल हो गए हैं। एक पुत्र लंदन में है। जीवन के 63 वर्ष पूरे होने के बाद अब वह जाने-पहचाने क्षेत्र वार्ड नंबर 150 में पार्षद के रूप में काम करना चाहते हैं। उनका उद्देश्य पवित्र है। कांग्रेस नेताओं के समर्थन की जरूरत है।

अगर कांग्रेस में विजय शर्मा किक्की जैसे कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन मिला तो इससे कांग्रेस मजबूत ही होगी। जल्दी ही उम्मीदवारों की घोषणा होने वाली है। उम्मीद है कि विजय शर्मा किक्की वार्ड नंबर 150 से कांग्रेस उम्मीदवार घोषित कर दिए जाएंगे।