बिजली विभाग के कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के निजी करण का किया विरोध,,

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जयपुर 28 सितम्बर 2020।(निक सामाजिक) राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एशोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष श्री पृथ्वीराज गुर्जर ने बताया कि आज एसोसिएशन के प्रदेशव्यापी आह्वान पर राजस्थान के पांचों विद्युत कंपनियों में केंद्र सरकार के निजीकरण की नीति के विरोध में आज राजस्थान के सभी उपखंड स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया गया। तथा राज्य के पाँचों विधुत निगमों यथा RVUNL, RVPNL, JVVNL, AVVNL, JdVVNL में कार्यरत कर्मचारी / अभियन्ताओं की ज्वलंत समस्याओं व माँगो के निस्तारण हेतु आज दिनांक 28.09.2020 को विधुत कर्मचारी / अभियन्ताओं द्वारा प्रदर्शन कर राज्य मुख्यमंत्री महोदय व निगम प्रबन्धन के नाम सहायक अभियन्ता / अधिशाषी अभियन्ता / अधीक्षण अभियन्ता / संभागीय मुख्य अभियन्ता को ज्ञापन सौपा गया।

इससे एक दिन पहले सोशियल मीडिया ट्विटर अकाउंट के माध्यम से अपनी बात देश के प्रधानमंत्री, माननीय मुख्यमंत्री मंत्री राजस्थान सरकार, ऊर्जा मंत्री तक पहुचाई ट्रेड राजस्थान में नंबर एक पर चला और आज ज्ञापन पेश किया गया।
जिसमे मुख्य माँगे –

1.राजस्थान में विधुत निगमों में ठेकाप्रथा एवं नीजीकरण पर तत्काल रोक लगावें, सभी कार्य नियमित कर्मचारियों से करावें, ताकि मुनाफाखोरी व भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके, एवं
2.कोरोना काल में निर्बाध रूप से विधुत सेवा सुचारू बनाये रखने वाले बिजली कर्मियों को चिकित्सा कर्मियों व पुलिस कर्मियों की तर्ज पर वेतन कटौति से मुक्त रखा जाये, तथा
3.राजस्थान में एक विधुत निगम से दूसरे विधुत निगम में कर्मचारियों के स्थानान्तरण हेतू नीती बनवायें जिससे दूसरे निगम में कार्यरत कर्मचारी भी अपने गृहनगर / गृह जिले में पदस्थापन पा सके, एवं
4.TH /TH-III/H-I, TECHNICIAN-III, PLANT ATTENDENT-III, PLANT OPRETOR-III की ग्रेड पे 3600 व इनके प्रमोशन के पदों की ग्रेड पे 4200, 4800, 5200 एवं हेल्पर-II की ग्रेड पे 2800 कराई जाये, एवं टेक्नीकल हेल्पर-I/II/III का पदनाम तकनीशियन-I/II/III कराया जाये, तथा
5.विधुत निगमों के तकनीकी कर्मचारियों को मात्र 50 रू. साईकिल भत्ता जाता है जो कि नाकाफी है। इन्हें 33/11 केवी फीडरों के फाल्ट निकालने, रिडिंग लेकर बिल जारी करने, उपभोक्ताओं की शिकायतों का निस्तारण करने व विधुत लाईनों की पेट्रोलिंग करने हेतु मोटरसाईकिल भत्ता (माईलेज अलाउन्स) 3500 रू. दिलवाया जाये, एवं
6.विधुत निगमों के तकनीकी कर्मचारियों को मात्र 150 रू. विधुत भत्ता दिया जा रहा है जो नाकाफी है। विधुत निगमों के बिजली कर्मचारी को विधुत भत्ता 3000 रू. या 500 युनिट मासिक बिजली फ्री कराया जाये, एवं
7.विधुत तकनीकी कर्मचारी 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। अतः भारतीय रेलवे की तर्ज पर इन्हें हार्डड्यूटी अलाऊंस 5000 रू. दिलवायाजाये, और
8.FRT और 33/11 केवी सबस्टेशन पर ठेके पर कार्यरत ठेकाकार्मिकों को विधुत निगमों द्वारा की जाने वाली कर्मचारियों की नई भर्ती में प्राथमिक्ता अथवा बोनस अंक दिये जाने की व्यवस्था कराई जाये, ताकि अनुभवी ठेका-कार्मिकों को नई भर्ती में प्राथमिक्ता मिलने पर नियुक्ती का मौका मिल सके।

यदि हमारी बात अति शीघ्र मानी नहीं गई तो मजबूर होकर अब उग्र आंदोलन किया जायेगा।