9 मार्च 20 को राज परिवार ने निजि स्वार्थ के कारण परम्परा के साथ किया खिलवाड़ ,होलिका दहन 8 बजे बाद क्यों,,जबकि 90 प्रतिशत जयपुर की जनता 7 बजे के आस पास दहन कर चुकी थी,,इसके चलते धर्मगुरुओं में खासी नाराज़गी है,सूत्रों के हवाले से अगली होलिका दहन डाला कहीं और,जवाब क्यों नहीँ दे रहा राजघराना,,

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जयपुर 10 मार्च 2020।(निक विशेष)सिटी पैलेस में पूर्व राज परिवार ने होलिका दहन की प्राचीन परंपरा तोडी। इस वर्ष 9मार्च को राज परिवार ने निजि स्वार्थ के कारण परम्परा के साथ खिलवाड़ किया।
जयपुर कि जनता ने 6/15 तक होली पूजन कर लिया था और 6/28 से दहन का इन्तजार करते रहे।
लेकिन राज परिवार अपनी हठधर्मिता पर रहा और रात्रि 8/05 पर ही होलिका दहन किया,,गौरतलब है कि जब तक जयपुर कि जनता ने शास्त्रों को आधार मानते हुए 90 प्रतिशत जनता दहन कर चुकी थी,और स्वयं ने ही पूजन करके दहन कर लिया था, टूट गयी परम्परा,राजपरिवार की हठधर्मिता या कुछ और,, यह जानकारी देते हुए आर्ष संस्कृति दिग्दर्शक ट्रस्ट के विजय शंकर पांडेय अनुसार पंचांग कर्ताओं ने पंचांगों में भी प्रथम गोधुलि 6/28 से 6/40 ही दहन का समय लिखा है।
पूर्व राजघराने ने मिडिया पर भी कोरोना का खतरा बता कर प्रतिबन्ध लगा दिया,यह खबर भी खासी चर्चा में है,,
लेकिन क्या होली के दिन ही कोरोना बीमारी का खतरा था।

जबकि सिटी पैलेस देखने सैकड़ों कि संख्या में पर्यटक प्रतिदिन आ रहे हैं उनसे टिकट के नाम पर रकम वसूली जा रही है,तब कोरोना का खतरा नजर नही आ रहा है,, होलिका दहन अधिकतर गोधुलि बेला में होता है और यह परंपरा आदि काल से है, यदि भद्रा होती है तभी मुहुर्त के आधार पर समय परिवर्तन होता है क्यों कि हिरणाकश्यप का पुत्र भक्त प्रहलाद भगवान का भक्त था और हिरणाकश्यप ने तपस्या कर वरदान प्राप्त कर रखा था, ना मैं दिन में मरुं ना रात में ना आकाश हो ना पृथ्वी हो ना अस्त्र से ना शस्त्र से मरु और हिरणाकश्यप कि बहन राक्षसी होलिका थी,जैसा सब जानते हैं, वह कभी अग्नि से नही जल सकती थी तब हिरणाकश्यप ने बहन से कहा आप प्रहलाद को गोद में लेकर होली मैं बैठ जाओ लेकिन भक्त प्रहलाद के लिए भगवान प्रकट हो कर प्रहलाद को होलिका दहन होते ही बचा लिया और राक्षसी होलिका का दहन हो गया। जानकार सूत्रों से ज्ञात हुआ की जयपुर के मुख्य इलाकों में भी होलिका दहन 6/28 के अनुसार किया गया।

24 घण्टे बीतने को है अबतलक तक राजपरिवार से जयपुर की जनता इस विवाद का जवाब जानना चाहती है,,,

Sunny atrey editor Newindia ख़बर
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