अपराधिक बोध , पश्चाताप एवं समाज व परिवार के परित्याग के कारण अवसाद एवं मानसिक आघातों से गुजर रही महिला बंधियों, बाल सुधार गृह की बालिकाओं एवं स्कूली छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य के मध्यनज़र राजस्थान में पहली बार अनूठे कार्यक्रम “परम” का उद्घाटन,,फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल, जयपुर और राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के बीच एक संयुक्त पहल ,,

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मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम
महिला बांधियो, बाल सुधार गृह की बालिकाओं एवं स्कूली छात्राओं को “परम” देगा मानसिक सम्बल

जयपुर 24 जनवरी,2020।(निक चिकित्सा) माननीय न्यायमूर्ति इन्द्रजीत सिंह, न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय; अशोक जैन, सदस्य सचिव, आर.एस.एल.एस.ए; डॉ वीना प्रधान, कमिशनर – बाल अधिकार विभाग, नीरव बंसल, जोनल डायरेक्टर, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल द्वारा बालिका सुधार गृह की बालिकाओ के सम्बोधन के साथ कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया ।
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स जयपुर में भावनात्मक, संज्ञानात्मक एवं व्यवहार सम्बन्धी मानसिक विकारों के पूर्ण उपचार हेतु चकित्स्कीय मुल्यांकन एवं चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने हेतु एकीकृत मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली एवं समर्पित विभाग है ।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य न्यायिक संस्थानों जैसे जेलों एवं बाल सुधर ग्रहो में रहने वाली महिला बांधियो में बेहतर मानसिक स्वस्थ्य , मानसिक विकारो का उपचार , आत्मविश्वास एवं सकारात्मकता को बढ़ाना , मानसिक तनाव, अवसाद व अन्य मानसिक विकारो से उभारना है, ताकि ये बालिकाएं एवं महिलाएं इन संस्थानों के भीतर व बाहार आने के बाद मानसिक स्थिरता एवं स्वस्थ को बहाल व बेहतर रख सके और भविष्य में आत्मविश्वास के साथ बेहतर और विकसित सामाजिक जीवन जी सके।
जयपुर, 24 जनवरी, 2020: राजस्थान में समग्र मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने वाले अग्रणी नामों में से एक, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल, जयपुर ने राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ मिलकर विधिक प्रणाली और सरकारी स्कूल में मानसिक जागरूकता बढ़ाने एवं उसके प्रचार के लिए कार्यक्रम “परम(प्रमोटिंग एंड रेंडरिंग अवेयरनेस फोर मेन्टल हेल्थ)” शुरूआत की। कार्यक्रम का शुभारम्भ माननीय न्यायमूर्ति इन्द्रजीत सिंह, न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय , श्रीमान अशोक जैन, सदस्य सचिव, आर.एस.एल.एस.ए और श्री नीरव बंसल, जोनल डायरेक्टर, फोर्टिस हॉस्पिटल जयपुर के साथ बालिका सुधार गृह गांधी नगर में बालिकाओ के सम्बोधन एवं परामर्श कक्ष के उद्घाटन के साथ किया गया।

इसके बाद आयोजित सत्र का संचालन फोर्टिस हॉस्पिटल जयपुर की काउन्सिलिंग सायकॉलॉजिस्ट सुश्री गार्गी विश्नोई ने किया जिसमें किशोर न्याय अधिनियम के तहत पीड़ित बाल सुधार गृह में किशोर महिला बंदिनियों को तनाव एवं अवसाद प्रबंधन के लिए परामर्श दी ।

फोर्टिस हॉस्पिटल जयपुर की काउन्सिलिंग सायकॉलॉजिस्ट सुश्री गार्गी विश्नोई ने कहा ‘‘मानसिक स्वस्थ्य को शारीरिक स्वस्थ्य जितना ही महत्व दिया जाना चाहिए एवं समाज के हर वर्ग एवं व्यक्ति तक बिना उसकी परिस्थिति एवं ओहदे की परवाह किये बिना मानसिक स्वस्थ्य लाभ दिया जाना चाहिए । न्यायिक हिरासत जैसे जेलों और ऑब्जर्वेशन होम में महिलाओं की मानसिक स्वास्थ्य स्तर बढ़ाने के लिए काम करने की हमारी पहल शुरू की जा रही है, ताकि हम इस कमजोर समझे जानी वाली आबादी जिनकी स्वतंत्रता पर अंकुश है और विकल्प सिमित है के साथ काम कर सकें जिससे कि वे मानसिक रूप से मजबूत, स्वस्थ एवं बेहतर बने।उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा हमारा उद्देश्य उन्हें इन संस्थानों में बेहतर जीवन के लिए मार्गदर्शन देना और मानसिक बीमारियों का शिकार नहीं होने देना है। इस कार्यक्रम की शुरुआत जयपुर से की गई है भविष्य में कार्यक्रम को राज्य स्तर पर लागु किया जायेगा । हमें आशा है की आर.एस.एल.एस.ए की मदद से एवं इस कार्क्रम के माध्यम से हम समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन ला सकेंगे। फोर्टिस एस्कॉर्ट्स राजस्थान के कुछ अस्पतालों में से एक है जिसमें तनाव प्रबन्धन, डर, यौन दुराचार आदि जैसे मुद्दों से निपटने के लिए विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम है और इन ज्वलंत मुद्दों को दूर करने के लिए कई अन्य कार्यक्रम चला रही है। ‘‘

कार्यक्रम में अवसाद, नकरात्मक विचार एवं मानसिक ट्रोमा भुगत रहे लोगों को इससे बाहर निकलने के लिए अवलोकन घरों में महिला बंदिनियों और किशोर बंदियों के लिए परामर्श सत्र और कार्यशालाओं की श्रृंखला को शामिल किया गया है। इसी प्रकार स्कूल में, कार्यक्रम छात्रों के अध्ययन और परीक्षा कौशल के लिए कार्यशालाओं पर केन्द्रित रहेगा एवं सफलता के लिए एक पथ, स्कूल बुलिंग, शिक्षकों के लिए व्यक्तित्व विकास, कार्यशालाएं, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और तनाव प्रबन्ध के बारे में जानकारी दी जाएगी।