जयपुर 5 जनवरी 2020 ।(निक क्राइम )आदर्श क्रेडिट को ओपरेटिव सोसायटी के निवेशको की आज दिनांक 05.01.2020 को जयपुर में आर सी पेरेडाइज में एक बैठक पंकज जैन, गोपाल शर्मा और सुनील यादव की अगुआई में आयोजित की गई जिसमे 300 से अधिक निवेशको ने भाग लिया, देश भर के 21 लाख निवेशको के हितार्थ कार्य करने वाली एडवाइजर वेलफेयर एशोसिएशन ट्रस्ट के पदाधिकारियों द्वारा उक्त बैठक में शिरकत की गयी, उक्त बैठक में देश भर से आये विभिन्न आदर्श निवेशको ने अपनी जमा पूंजी किस रूप से हासिल हो इस सन्दर्भ में चर्चा की I ट्रस्ट अध्यक्ष के के मेहता निवेशको को धेर्य और इन विषम परिस्थितियों में हिम्मत रखने की अपील की साथ ही आदर्श क्रेडिट सोसायटी के बीस वर्षो के इतिहास का स्मरण दिलाते हुए यह विश्वास दिलाया की जल्द ही 21 लाख निवेशको के हित में माननीय न्यायालय अपना निर्णय प्रदान करेंगे I
मेहता ने सोशियल मीडिया पर चल रही भ्रामक खबरों से दूर रहकर माननीय न्यायालय पर ही अपना विश्वास कायम रखने का सन्देश दिया I श्री सुबोध अग्रवाल एवं सतीश शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा की वर्तमान की इन स्थितियों में न केवल निवेशको अपितु सोसायटी के चार लाख एडवाइजरो और चार हजार कर्मचारियों के भविष्य पर भी संकट आन पडा है, अब मात्र न्यायिक आदेश ही है जो जिस का इंतज़ार करना है I
एडवाइजर वेलफेयर एशोसिएशन ट्रस्ट की और से 21 लाख निवेशको और सोसायटी के हितार्थ जन हित याचिका प्रस्तुत करने वाले एडवोकेट नरेन्द्र जोशी ने अपने संबोधन में कहा की आदर्श सोसायटी एक विधिक निकाय है जो केंद्र सरकार से रजिस्टर्ड है जिसकी 820 से अधिक शाखाए सम्पूर्ण भारत वर्ष में संचालित है यह समिति सहकारिता अधिनियम, नियम, उपनियमों के तहत जो की केन्द्रीय रजिस्ट्रार केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत एवं अधिकृत रूप से होते है, इसके तहत ही यह समिति अपना कार्य संचालन देशभर में करती है I एडवोकेट जोशी ने कहा की सोसायटी के संचालक मंडल के विरुद्ध एक फौजदारी प्रकरण दर्ज होने मात्र से इसके संचालक मंडल पिछले एक वर्ष से न्यायिक अभिरक्षा में है, जबकि सोसायटी इस अवस्था में है की सोसायटी द्वारा पीड़ित निवेशको को उनकी निवेश राशि लौटाई जा सकती है I मल्टीस्टेट को-ओपरेटिव सोसायटी एक्ट,2002 के तहत यह उपचार उपलब्ध है की इस अवस्था में किस रूप से सोसायटी को पुन: अस्तित्व में लाकर कार्य किया जा सकता है I
यह केन्द्रीय रजिस्ट्रार का विधिक कर्तव्य बनता है की समिति की साधारण निकाय जो आज भी विद्यमान है तथा समिति को क्रियान्वित करने के लिए आवश्यक मीटिंग बुलाकर समिति को क्रियान्वित किया जा सकता है, ताकि समिति के 21 लाख से अधिक सदस्य व निवेशक, जिन्होंने अपना बहुमूल्य धन विनियोग कर रखा है, उसे पुन: प्राप्त कर सके I समिति द्वारा अदा की गई ऋण राशि की वसूली हो सके I समिति की सम्पति प्रर्याप्त है और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कुर्क की गई सम्पति पुन: समिति के हित में छोड़ी जानी विधिक रूप से उचित है तभी आम निवेशक द्वारा उनकी निवेश राशि लौटाई जा सकती है I
अधिवक्ता नरेन्द्र जोशी ने बताया की वर्तमान मे रूप में 21 लाख सदस्य निवेशको के साथ 4 लाख एडवाइजर और 4 हजार कर्मचारियों का भविष्य दाव पर लगा हुआ है इस अवस्था में सोसायटी को मरणासत्र अवस्था में छोड़ा जाना विधिक रूप से उचित नही है, क्योंकि सोसायटी में भारी संख्या में जनहित व जनधन विनियोजित है I केन्द्रीय रजिस्ट्रार केंद्र सरकार द्वारा कोई समुचित विधिक उपचार नही किया जा रहा है और न ही कोई दिशा निर्देश ही केंदीय या स्टेट रजिस्टार द्वारा जारी किये जा रहे है I एडवोकेट नरेन्द्र जोशी ने बताया की ट्रस्ट द्वारा प्रस्तुत जनहित याचिका को माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय ने विचारार्थ स्वीकार कर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है और उक्त जनहित याचिका के स्वीकार होने से आदर्श सोसायटी के 21 लाख निवेशको की आस बंधी है की अब उन्हें माननीय न्यायालय के आदेशानुसार शीघ्र न्याय प्राप्त होगा I
पंकज जैन ने अंत में देश भर से आये समस्त निवेशको का आभार व्यक्त किया और उम्मीद दिलाई की जल्द है भारत वर्ष के लाखो निवेशको को न्याय प्राप्त होगा और भ्रामक तथ्यों से दूर रहने का आव्हान किया I
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