देश भर मे किया भाजपा सासंदों का घेराव
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चार सांसद अस्वस्थता अथवा बाहर होने के कारण पीड़ितों के घेराव के दौरान मिल नहीं पाए है लेकिन उन्होंने फोन पर बात करके इस मुद्दे के समाधान में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है । प्रोफेसर सी.बी.यादव ने बताया कि पूरे देश में 5 . 85 करोड़ को 49100 करोड़ रूपये व प्रदेश में 35 लाख पीएसीएल पीड़ित परिवारों के लगभग 3 . 5 हजार करोड रुपए पीएसीएल कंपनी में निवेश किया था जो भारत सरकार के कंपनी अधिनियम 1956 के तहत एक पंजीकृत कंपनी थी जिसे सितंबर 2014 में सीबीआई जांच के पश्चात बंद कर दिया गया था । पीड़ितों के लड़ाई लड़ रहे ऑत इन्वेस्टर सैपटी ऑर्गेनाइजेशन ने इसके विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में लड़ाई लड़ी और 2 फरवरी 2016 को सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय आया था कि पूरे देश के लगभग 6 करोड पीएसीएल पीड़ित परिवारों की 49100 करोड़ रुपए निवेश राशि को 6 माह के भीतर पीएसीएल की परिसंपत्तियों को नीलाम करके लौटाया जाए । इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था सेबी को इस निर्णय को क्रियान्वित करना था लेकिन 3 साल से अधिक समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आज तक क्रियान्वित नहीं हो रहा | इसके लिए कई बार राष्ट्रीय स्तर के प्रदर्शन किए जा चुके हैं लेकिन संसद में इस मुद्दे को प्रभावी तरीके से नहीं उठाया गया | हाल ही में राजस्थान में कई कोऑपरेटिव सोसायटी ओं के घोटाले भी सामने आए हैं लेकिन इनके मामलों को भी अभी तक राष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से नहीं लिया गया हैं । इसीलिए अब AISO संगठन ने पूरे देश के लोकसभा व राज्यसभा सदस्यों के निवास स्थान का घेराव करके सांसदों को जनता के हित में संसद में पीएसीएल तथा अन्य चिटफंड पीड़ितों कोऑपरेटिव सोसाइटियो की लूट के मुद्दे को संसद में उठाने की मांग की गई है साथ ही हाल ही में सरकार द्वारा पारित दी वेजिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट एक्ट 2018 की कमियों को भी सामने लाकर उसमें संशोधन की मांग की है। प्रोफेसर सी.बी.यादव ने बताया कि इस अधिनियम में पीड़ित निवेशकों की धन वापसी का कोई प्रावधान नहीं हैं तथा इसमें एजेंटों को दी दोषी करार दे दिया जाता है जबकि इस प्रकार की चिटफंड कंपनियों को पनपने में सरकार प्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से दोषी होती हैं । सरकार ही इन कंपनियों का पंजीकरण करती हैं और इन्हें ऑडिट करके मान्यता प्रदान करती हैं इतना ही नहीं सरकार इन कंपनियों से बहुत बड़ी राशि कर के रूप में वसूल भी कर चुकी है पीएसीएल के मामले में सरकार द्वारा एक लाख करोड़ से भी अधिक कर की पसूली 1983 से 2014 के बीच में इस कंपनी से की जा चुकी हैं सरकार के प्रतिनिधि और राजनीतिक दलों के बड़े नेता इन चिटफंड कंपनियों के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं जिससे लोगों का विश्वास प्राप्त करने में इन्हें मदद प्राप्त होती है अगर यह कंपनियां गैर कानूनी कार्य करती है तो उन्हें समय रहते हुए ऑडिट करते हए इन्हें बंद किए जाने का दायित्व सरकार का है लेकिन सरकार अपने दायित्वों से दूर हटकर एजेंटों को दोषी ठहराने का कल्या कर रही है जिसका AISO संगठन पुरजोर तरीके से विरोध कर रहा है ।
प्रवक्ता अनीष कुमार ने केन्द्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा हैं कि मोदी सरकार ने शीघ्र निवेशकों के पैसे नहीं लोटाया तो राष्ट्र भर मे भाजपा के मन्त्रियों का घेराव किया जायेगा ।