आसपास के बाशिंदों व सूत्रों के हवाले से खबर है कि जेडीए से प्रत्येक माले के निर्माण पर 10 लाख दिए जाने की बात चर्चा का विषय बनी हुई है,,,,,,,
हालांकि देखा जाए तो हल्दिया हाउस के आगे से लेकर सड़क घूमने के साथ साथ नेहरू बालोद्यान की बाउंड्री जहाँ ओझा जी का बाग है,वहाँ तक निर्मित सभी दुकानें, शोरूम आदि अवैध ही हैं बस प्रशासन ईमानदारी से अपना काम करे।
यह कोई नारायण सिंह सर्कल, 2oo ft बायपास अजमेर रोड, दुर्गापुरा आदि का अवैध निजी बस स्टैंड थोड़े ही है जिसे मंत्री, प्रशासन जनता की सुविधा की दुहाई दे कर वहाँ अवैध गतिविधियों को संचालित करते रहने की मूकदर्शक बन अनुमति दे रहा है।
जयपुर 26जुलाई2019।(निक यू डी एच) जहां सरकार अवैध निर्माण को रोकने के लिए नीतियां बना रही है वहीं जेडीए व नगर निगमक अधिकारियों की शह पर अवैध निर्माण धड़ल्ले से हो रहे हैं। इनके द्वारा मात्र खाना पूर्ति कर इतिश्री कर ली जाती है।
पूर्व में।झांका जाए तो 1964 में uit द्वारा 49 a के नोटिस ओझा जी बाग़ में सभी को दिए गए थे फिर 1969 में जमीन को एक्वायर कर लिया गया था। तीन केटेगरी निर्धारित हुई, जिसमे कुछ जमीन रेवन्यू ,कुछ को एक्वायर जमीन व तीसरी केटेगरी में शायद रजिस्ट्री का कम कीमत में प्रावधान था।
बावजूद इसके ना जाने किसके वरदहस्त में अवैध निर्माण गांधीनगर मोड़ स्थित शंकर नमकीन मिष्ठान भंडार द्वारा प्रशासन की नाक के नीचे किया जा रहा है।
शहर के बीचोंबीच हो रहे इस व्यावसायिक निर्माण को जेडीए व अन्य द्वारा अनदेखा किया जा रहा है।
इस बाबत जब newindia खबर ने इस जोन के DC मि बलबीर से बात की तो उन्होंने कहा कि हमने स्वतः संज्ञान ले कर इसकी जांचक आदेश दे दिए हैं, इस बाबत एनक्रोचमेंट विभाग के अधिकारी रघुबीर सिंह को सम्बंधित जांच का जिम्मा दिया गया है, जब रघुवीर सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि दस्ता जांच के लिए गया है और यह देखा जाएगा कि कितना निर्माण सही है और कितना अवैध।
जब लगभग 20 दिनों बाद फिर दोनों अधिकारियों से बात हुई तो डीसी महोदय ने तोड़फोड़ दस्ते के अधिकारी रघुवीर सिंह से सम्पर्क साधने को कहा,जब रघुवीर सिंह से बात हुई तो ,शंकर मिष्ठान पर हो रहे अवैध निर्माण को तुड़वाकर ही दम लेंगे। आज फिर इस बात को एक महीना पूरा होने को है, निर्माण कार्य प्रगति पर है।