जयपुर 22 जून2019।(निक क्राइम) 1995 में नज़र लगी हमारे देश के सबसे शांति प्रिय शहर गुलाबी नगर को, शास्त्रीनगर के कब्रिस्तान से सामाजिक उन्माद की चिंगारी भड़कने लगी,,स्थिति को सक्षम पुलिस विभाग ने तुरन्त भांप कर ,नियंत्रित किया।
तभी शायद शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र की चन्द्रशेखर की बगीची में एक पुलिस चौकी स्वीकृत की गई,जो कि टेंटनुमा बनाई गई, जिससे इस विशेश समुदाय बाहुल्य क्षेत्र में असामाजिक तत्वों द्वारा किसी तरह की कोई आपसी सौहार्द में खलल ना हो, यही पास में प्राचीन चन्द्रशेखर महादेव मंदिर है।
ताज़ा स्थिति पर नज़र डालें तो पाएंगे कि चुनावों के मद्देनजर यहाँ की नफरी को ड्यूटी पर लगाया गया,पर आज तक वो नफरी चन्द्रशेखर की बगीची लौटी नहीँ,,,
अब सरकार बदल चुकी है प्रदेश की,, पर कानून के हालात नहीं बदले,,
भूमाफिया, अवैध शराब कारोबार, लूट पाट ,महिलाओं के साथ बलात्कार,छेड़छाड़ की घटनाएं अब वहां आम हो चुकी है,,कारण एक वर्तमान सरकार के केबिनेट मंत्री का वहाँ के गुंडा एलिमेंटो पर आशीर्वाद होना बताया जा रहा है,,
चौकी को ध्वस्त व आग लगाने की घटना यही बयान करती है।
शास्त्रीनगर थाना इंचार्ज से जब इस बाबत बात हुई तो उन्होंने अपने को एक्शन लेने मे मज़बूर पाया ,,,,,,,,,,,,,,,
ऐसी ही स्वीकृत चौकी है,सीकर हॉउस स्थित,, वहाँ के हालात भी जस का तस,हालांकि वहाँ पक्की चौकी है, पर हालात वही , कोई नफरी नहीँ, वहाँ कपड़े की दुकानें जब मर्जी आये लग जाती है, सुअर और असामाजिक तत्वों की आराम व ऐशगाह है,
इस तरह की स्वीकृत पुलिस चौकियों में नफरी पुलिस लाइन से व्यवस्थित की जाती है,,