लोकतंत्र बनाम राजतंत्र आम चुनाव 2019 पर खुली बहस के लिए एक संगोष्ठी का हुआ आयोजन,,,,
जयपुर 31मार्च2019।(निक राजनीतिक)संगोष्ठी में कई प्रबुद्ध जीवी व्यक्तियों ने भाग लेकर अपने विचार रखें।
बुद्धिजीवियों का कहना था कि आज के समय में लोकतंत्र करीब-करीब खत्म सा हो गया है।
लोकतंत्र अगर जीवित है तो मात्र वोटों के लिए इसके अलावा लोकतंत्र कहीं नहीं दिखाई देता है। समाज में राष्ट्र के सरकारी तंत्र को कोसते हुए कहा कि सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि आमजन की भावनाएं और उनकी आधारभूत सुविधाओं को नगर नगर दिया गया।
संयोजक सुधीर बोड़ा ने बताया कि लोकतंत्र में मतदाता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं है और ना ही अपने अधिकारों की उनको जानकारी है।
लोकतंत्र का तात्पर्य समझाते हुए बोड़ा ने बताया कि लोक का अर्थ है जनता और तंत्र का मतलब है सिस्टम जिसे हमें समझना होगा अपने सिस्टम को सुधारने के लिए सजग होना पड़ेगा।
सुधीर बोड़ा ने कहा कि हम सब मिलकर जनता को जागरूक करेंगे कि लोकतंत्र में जनता के अधिकार क्या है उसे समझें और राजतंत्र से अपने अधिकार का प्रयोग करें।
ताकि जनता सरकारी तंत्र के भ्रष्टाचार को समाप्त करने में अपनी अहम भूमिका निभा सके ।