समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द की खरीद ठप,
30 दिसंबर से आंदोलन की चेतावनी
जयपुर 28 दिसम्बर 2018। (NIK politicalम)आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि उपज उत्पादन के लिए पैसे चुकाते हुए भी किसानों को यूरिया के लिए कतार में खड़े रहकर पुलिस के डंडे खाने पड़ रहे है। वहीं कर्जमाफी की घोषणा का श्रेय लेने वाली सरकार किसानों को उनकी उपज के दाम भी नही दिला पा रही और किसानों को ऋण जाल में फसने की धकेल रही है। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द की खरीद ठप पड़ी है। सरकारी नीतियों के चलते किसानों को औने—पौने दामों पर घाटा खा कर अपनी उपज बेचनी पड़ रही है। आम आदमी पार्टी ने 30 दिसंबर से प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने आरोप लगाया है कि राजस्थान में मूंग और उड़द की समर्थन मूल्य पर खरीद के नाम पर किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है। सरकारी अधिकारी मुनाफाखोरों के साथ मिले हुए है। जिसके चलते किसानों को उनकी मेहनत का पूरा दाम नहीं मिल पा रहा है। औसत गुणवत्ता के नियमों के बहाने किसानों की फसल नहीं खरीदी जा रही है।
उन्होंने बताया कि पिछली भाजपा सरकार के समय मूंग और उड़द के समर्थन मूल्य की घोषणा की थी। पहले तो भाजपा ने किसानों से धोखा कर खरीद की अवधि तीन माह ही रखी थी। अब नई सरकार ने भी इस धोखे को सुधारने की कोई कार्यवाही नही की। और यह अवधि सात जनवरी को समाप्त हो जाएगी दूसरी तरफ मूंग और उड़द की खरीद सरकार की ओर से तय किये गये खरीद केंद्रों पर हो ही नहीं रही है। ऐसे में किसानों का माल अभी तक पड़ा हुआ है। इसका उदाहरण जयपुर जिले की दूदू मंडी है। दूदू मंडी में पिछले सात दिन से मूंग की खरीद नहीं हुई है। इस दौरान वहां 200 से अधिक ट्रेक्टर मूंग का पहुंचा। बुधवार को वहां 91 ट्रेक्टर खड़े थे। यही स्थिति फागी, मालपुरा, किशनगढ़ (अजमेर) की है। यहीं स्थिति अजमेर जिले के सरवाड़ किशनगढ़ एवम केकड़ी की है। उडद खरीद में सवाई माधोपुर जिले के चौथ के बरवाड़ा केंद्र पर 200 किसानों का पंजीयन किया गया और खरीद एक भी किसान की नही हुई। बोंली आदि स्थानों पर भी यही चित्र है। बारां, टोंक जिले के उडद उत्पादक किसान भी खरीद नही होने से सकते में है।
जाट ने बताया ने बताया सरकार ने मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6795 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। जबकि बाजार दर 3000 से 3500 रुपये है। समर्थन मूल्य पर माल की खरीद नहीं होने से किसान को घाटा खाकर मूंग बेचना पड़ा रहा है। इसी तरह की स्थिति उड़द की है। उड़द का समर्थन मूल्य 5600 रुपये प्रति क्विंटल घोषित है। जबकि मार्केट रेट 2500 से 3000 रुपये के बीच है। इस तरह किसान को उसकी उपज की आधी कीमत भी नहीं मिल पा रही है।
जाट ने बताया कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन किया जायेगा। यह आंदोलन 30 दिसंबर से प्रदेशभर में शुरू होगा। यह आंदोलन संपूर्ण उत्पादन की खरीद होने तक खरीद केंद्र चालू रखने, औसत गुणवत्ता के नियमों को सरलतम करने की मांग पूरी होने तक जारी रहेगा।