अन्नदाताओं के साथ कांग्रेस ने किया छलावा: राजेन्द्र राठौड़
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गहलोत सरकार का पहला आदेश किसानों के साथ धोखा
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जयपुर, 20 दिसम्बर,2018 (NIK political)पूर्व ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री डाॅ. राजेन्द्र राठौड़ ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने किसान ऋण माफी का जो आदेश जारी किया है उसमें अन्नदाताओं के साथ छलावा कर उनका मजाक उड़ाया है। आदेश में यह कहीं नहीं है कि किसानों के खाते में कर्ज माफी का पैसा कब तक जमा होगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आदेश में 30.11.2018 की स्थिति में समस्त बकाया अल्पकालीन फसली ऋण माफ किये जाने की बात कही है। जबकि भाजपा सरकार 30.09.2017 को ऋणी 28 लाख किसानों का करीब 8172 करोड़ रूपये का ऋण माफ कर चुकी है और वसुन्धरा राजे सरकार ने किसानों की बिजली भी मुफ्त की थी।
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ऋण माफी का जो आदेश जारी किया है, आदेश में किसान द्वारा लिए गए ऋण की अदायगी में डिफाॅल्टर होने पर देय ब्याज एवं ब्याज पर पैनल्टी जो अधिकांश प्रकरणों में मूलधन से भी अधिक हो जाती है उसकी माफी के बारे में भी कोई स्पष्टता नहीं है। जबकि वादे के अनुसार सरकार को किसान का मूलधन, ब्याज एवं पैनल्टी सहित सम्पूर्ण ऋण माफ करना था। उन्होंने कांग्रेस सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि आदेश में ऋण राहत के पात्र कौनसे ऋणी किसान होंगे इसके निर्धारित मापदण्ड क्या होंगे?
उन्होंने कहा कि वसुन्धरा सरकार की ऋण राहत योजना के बाद अब तक 21 लाख 34 हजार किसानों को 10 हजार 700 करोड़ रूपये का ऋण मिला है। शेष ऋण देने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है और कांग्रेस सरकार के इस आदेश से साफ जाहिर होता है कि प्रक्रियाधीन 10 लाख किसान ऋण राहत योजना से वंचित रह जाएंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय 27 लाख 68 हजार किसानों को 7887 करोड़ रूपये का ऋण माफ कर उन्हें ऋण माफी प्रमाण पत्र दिये गये थे और जिन किसानों का ऋण माफ किया गया था, उन किसानों को नया ऋण भी दिया गया था। उन्होंने कांग्रेस सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस सरकार उनका भी कर्जा माफ करेगी या नहीं ?
राठौड़ ने गहलोत सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि कांग्रेस द्वारा चुनावी वादे में किसानों का पूरा कर्जा माफ करने की बात कही गई थी, जबकि वस्तुस्थिति यह है कि वर्तमान में राज्य के अन्दर कुल 59 लाख किसान है जिन पर लगभग 99,995 करोड़ रूपये का कर्ज बकाया है। जिसमें से अगर वर्तमान आदेश की पूर्ण पालना कर 18,000 करोड़ रूपये का ऋण माफ कर दिया जाता है तो शेष 81,995 करोड़ रूपये की राशि जो विभिन्न श्रेणियों के किसानों ने विभिन्न बैंकों से ऋण ले रखा है उनके ऋण को माफ करने की सरकार की क्या मंशा है ?
इस अवसर पर पूर्व सहकारिता मंत्री अजय क्लिक ने भी किसानों की कर्ज़ माफी को कांग्रेस की वोट की राजनीति बताया, पर जब उनसे सवाल पूछा गया कि आपके समय में सहकारी बैंकों के कुल ऋण कितने थे और आपने उनमें से कितने को ऋण माफी दी, तो वो सही आंकड़े बताने में असमर्थ नज़र आये । बात सम्भालते हुए अजय क्लिक ने पत्रकारों को आश्वस्त करते हुए कहा कि आपको ऑफिसियल आंकड़े पहुंचा दिए जाएंगे।