कांग्रेस 135 प्लस,,,भँवर जितेंद्र मुख्यमंत्री

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राजस्थान चुनाव 18 ,,,

न्यूइण्डिया खबर के दिल की बात
कांग्रेस 135 प्लस,,

जयपुर 8 नवम्बर (NIK) राजनीतिक सरगर्मियां अपने चरम पर हैं,,
चुनावी समर में कूदने से पहले बस प्रत्याशियों को सूची में अपने नाम भर का इंतजार है।
सभी राजनीतिक पार्टियों के संभावित प्रत्याशी अपनी प्रबल दावेदारी में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं ।
Newindia खबर ने जनता की नब्ज टटोलते हुए ,आगामी विधानसभा चुनाव में किसको कितनी सीटों से संतोष करना होगा, का अनुमानित आंकड़ा आपसब के सामने प्रस्तुत कर रहा है,,
यह चुनाव 2014 से बिल्कुल उलट तस्वीर पेश कर सकता है,,
यह कितना सच साबित होगा इसका फैसला 11 दिसम्बर को होगा ।
हालांकि इस बार भी चुनाव जातिगत आधार पर लड़ा जा रहा है,,पर किन किन क्षेत्रों में कौनसी जातियों का असर इस चुनाव में होगा, यह आज की परिस्तिथि में कहना बहुत मुश्किल है ।
वैसे राजनीतिक दल अपने प्रत्याशी जाती बाहुल्य क्षेत्रों के अनुसार खड़े करने की जुगत में लगे हुए हैं,
मंथन सिर्फ जिताऊ प्रत्याशी की खोज में हो रहा है ।
वह जनप्रतिनिधि के रूप में कितना अपना समय जनता के हित के कार्यों में देगा,यह एक विचारणीय प्रश्न है,,

राजस्थान में सीधी टक्कर भाजपा और कांग्रेस के बीच है,
आइए अब आंकड़ों पर नज़र डाल लेते हैं,,
सम्भावित सीटें,,
भाजपा :- 55 से 65
कांग्रेस :- 85 से 95
तीसरा मोर्चा :- 10 से 15
(राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ,भारत वाहिनी पार्टी ,लोकदल व अन्य)
आप :- 1 से 5
बसपा:- 3 से 10
अन्य व निर्दलीय,,,5 से 10
खास बात ज्यादातर सभी 200 सीटों पर।चुनाव लड़ने पर आमादा हैं ।

यह तो एक सर्वेक्षण है जो हाल फिलहाल की परिस्तिथियों के मद्दे नज़र आपके सामने है ।
लेकिन राजस्थान का इतिहास देखें तो यहां
एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा को जीता विधानसभा भेजने की परंपरा सी हो गयी है ।
लेकिन जैसा newindia खबर ने पहले कहा इस बार का चुनाव 2014 व अन्य चुनावों की तर्ज़ पर लड़ा जाएगा, ऐसा नहीं है। इस बार चोंकाने वाले परिणाम सामने आ सकते हैं ।

यह आंकड़े हैं कांग्रेस 135 प्लस

विस्वस्त सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि जिस तरह कांग्रेस और भाजपा ने अपने अपने आलाकमान को सिंगल पैनल भेजा है ,जिससे राहुल गांधी व अमित शाह दोनों ही नाखुश हैं,,,
अमित शाह ने तो वसुंधरा द्वारा भेजे पैनल पर भारी आपत्ति जताते हुए इसकी चर्चा या यूँ कहें शिकायत नरेंद्र मोदी से की है,,जिसके जवाब में मोदी ने अमित शाह को राजस्थान व मैडम वसुंधरा को ज्यादा तवज्जो ना देने की सलाह दी,,जैसा ज्ञात हो मैडम के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही केंद्र व राज्य में अनबन की खबरें सार्वजनिक है ।
अब इसका परिणाम उत्तराखंड की खंडूरी सरकार जैसा हो सकता है, जिसमे भाजपा को तो बहुमत मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री खंडूरी स्वयं हार गए थे,
ऐसा ही अभी हाल के हिमाचल प्रदेश चुनाव में भी देखने को मिला था ।
जहां तक कांग्रेस का सवाल है यहां भी मुख्यमंत्री की दौड़ में अशोक गहलोत के साथ सचिन व सीपी जोशी भी कतार में हैं,,लेकिन राहुल गांधी के साथ बरसों से काम कर रहे गहलोत का पलड़ा भारी है, राजनीतिक वरिष्ठता के नाम पर भी गहलोत इनसे कहीं आगे हैं,,
पर राजनीति में कुछ भी सम्भव है, जैसा हमने उत्तर प्रदेश में देखा, योगी का नाम कब चला और कब वो मुख्यमंत्री बन गए ।
ऐसे ही कांग्रेस में भी एक नाम मुख्यमंत्री के रूप में राहुल गांधी के दिमाग मे है जो अभी गुप्त है,वो नाम तब आ सकता है, जब अगर कांग्रेस को बहुमत मिले,। हम बताते हैं वो नाम,है भँवर जितेंद्र सिंह जो राहुल गांधी के भी करीब हैं युवा भी हैं ।
सूत्रों के हवाले से यह भी खबर आ रही है कि इन परिस्तिथियों से बचते हुए गहलोत यह चाह रहे हैं कि कांग्रेस को 90 के आसपास।सीट मिले तो उसे 101।बहुमत में करने के लिए।गहलोत से बेहतर कोई नहीं है कांग्रेस में, ऐसा जादू जादूगर गहलोत बसपा को अपने अंदर विलय कर 2008 के चुनावों में दिखा चुके हैं ।
क्योंकि बहुमत आने पर सचिन पायलट, सीपी जोशी फिर एक बार अपनी दावेदारी दमखम के साथ दिखा सकते हैं ।